डेली संवाद, पातड़ा। Vigilance Department: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (CM Bhagwant Mann) द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार मुक्त मिशन के तहत पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने स्थानीय शहर के एक निजी डॉक्टर की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए गुप्त मिशन के तहत छापेमारी की।
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देर रात स्वास्थ्य और परिवार कल्याण (Health and Family Wellness) भलाई अफसर सहित 3 कर्मचारियों को रिश्वत लेने रंगे हाथों काबू कर बड़ी सफलता हासिल की है।
यहां बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए अधिकारी और अन्य कर्मचारी गर्भ में लड़का-लड़की का पता लगाने वाले अल्ट्रासाउंड पर नकेल कसने के लिए बनाई गई पंजाब हरियाणा की स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्य बताए जा रहे हैं।
क्लिनिक पर छापा मारा
शहर पातड़ा के निजी डॉक्टर अशोक कुमार ने कहा कि कुछ महीने पहले हरियाणा के डॉक्टरों की टीम ने उनके क्लिनिक पर छापा मारा था पर उससे कुछ भी अवैध न मिलने पर वापिस गए डॉक्टरों की टीम में से एक मुख्य डॉक्टर का ड्राइवार उसे व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से कथित सेटिंग करने की बातें कर हर तरह के अवैध कानूनी काम व अल्ट्रासाउंड करने के लिए मजबूर करने लग गया और उसके द्वारा बार-बार जवाब देने के बाद उसने कहा कि डॉक्टरों की टीम के पास बहुत ताकत है, उस पर कोई न कोई केस दर्ज कर दिया जाएगा।
डर के गूगल पे पर उसने 35 हजार रुपये डाले
उन्होंने कहा कि इसके बाद डर कर उस व्यक्ति द्वारा दिए गए गूगल पे नंबर पर उसने एक बार 35 हजार रुपये और एक बार 10 हजार रुपये डाल दिए। इसकी कॉल रिकॉर्डिंग आज भी उसके पास है।
उन्होंने कहा कि इस लेन देन के पीछे कथित ड्राइवर ने उसे लुधियाना में तैनात स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी से मिलवाया, जिसने सारा लेन देन इस ड्राइवर के माध्यम से करने की बात कह कर हर तरह का अवैध और गलत काम करने के लिए कहते हुए कहा कि किसी की परवाह नहीं करनी।
सरकारी ड्राइवर 70 हजार रुपये की मांग करने लगा
उन्होंने बताया कि कुछ समय बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का यह कथित सरकारी ड्राइवर 70 हजार रुपये की मांग करने लगा, जिसकी सूचना उसने विजिलेंस के आई.जी, को दी और उनके द्वारा गठित की डी.एस.पी. वरिंदर सिंह गिल के नेतृत्व में टीम ने उससे पैसे लेने आए 2 पंजाब के और 2 हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों काबू किया। उनमें एक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी भी शामिल हैं।
इस मामले को लेकर वरिंदर सिंह गिल डी.एस.पी. विजिलेंस ब्यूरो ने बताया कि पातड़ा के एक निजी डॉक्टर की शिकायत 70 हजार की रिश्वत स्वास्थ्य विभाग के 4 कर्मचारियों को रंगे हाथ काबू किया है, जिनके नाम बाद में बताए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कथित आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच मामले की जांच और आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।