डेली संवाद, पूना। IAS Puja Khedkar Controversy: ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर की मां मनोरमा को पुणे ग्रामीण पुलिस (Pune Rural Police) ने किसानों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है। वे रायगढ़ के महाड के एक होटल में नाम बदलकर रुकी थीं।
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मनोरमा कल रात 8 बजे एक लड़के के साथ होटल पहुंची थीं। होटल मालिक ने दैनिक भास्कर को खास बातचीत में बताया कि मनोरमा ने लड़के को अपना बेटा बताया था। उनका यहां एक रात रुकने का प्लान था। रातभर के लिए उन्होंने 1 हजार रुपए होटल मलिक को दिए थे।
पिस्तौल से किसानों को धमकाती नजर आ रही
होटल में एंट्री के समय उनके पास सिर्फ एक बैग था और कमरे में जाने के बाद उन्होंने रूम लॉक कर लिया। डिनर करने भी वे लोग कमरे से बाहर नहीं आए। पुलिस ने उन्हें रात 2 बजे हिरासत में लिया और सुबह गिरफ्तारी की।
दरअसल, मनोरमा खेडकर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे पिस्तौल से किसानों को धमकाती नजर आ रही थीं। 13 जुलाई को मनोरमा समेत 7 लोगों के खिलाफ पौड पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। FIR में आर्म्स एक्ट के चार्ज भी शामिल किए गए। केस दर्ज होने के बाद से वह फरार हो गई थीं।
दावा- पूजा की मां ने जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की थी
स्थानीय लोगों का आरोप है कि खेडकर परिवार ने बाउंसर की मदद से पड़ोसी किसानों की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और उनको धमकाया। किसान कुलदीप पासलकर ने दावा किया कि मनोरमा जबरदस्ती उनकी जमीन हड़पने की कोशिश कर रही हैं।
हालांकि पुणे पुलिस के सुपरिंटेंडेंट पंकज देशमुख ने 12 जुलाई को बताया था कि यह घटना पिछले साल 5 जून धडावली गांव में हुई थी। तब किसानों की तरफ से शिकायत दर्ज कराई गई थी, लेकिन शिकायत में पिस्तौल का जिक्र नहीं था। पुणे पुलिस ने कहा- हम जांच कर रहे हैं कि मनोरमा के पास पिस्तौल का लाइसेंस है या नहीं।

खेडकर परिवार का दावा- किसानों ने उनकी जमीन पर कब्जा किया
खेडकर परिवार ने पुणे के मुलशी तहसील में 25 एकड़ जमीन खरीदी थी। हालांकि उन्होंने दावा किया कि इसके एक हिस्से पर किसानों ने कब्जा कर लिया था। इसके चलते मनोरमा अपने सिक्योरिटी गार्ड्स के साथ वहां पहुंचीं और किसानों को पिस्तौल दिखाकर धमकाया। वीडियो में सुना जा सकता है कि वह कह रही हैं कि जमीन उनके नाम पर है।
पूजा के पिता के खिलाफ ओपन इन्क्वायरी की मांग इस बीच पूजा के पिता और रिटायर्ड अधिकारी दिलीप खेडकर की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। पुणे एंटी करप्शन ब्यूरो से दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति मामले में ओपन इन्क्वायरी की मांग की गई है।
एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें इसको लेकर एक एप्लिकेशन मिला है। पुणे ACB ने ACB हेडक्वार्टर से निर्देश मांगे हैं, क्योंकि दिलीप खेडकर के खिलाफ ACB के नासिक डिवीजन में आय से अधिक संपत्ति के मामले में पहले से ही जांच चल रही है।
केंद्र सरकार की कमेटी ने पूजा के सर्टिफिकेट मंगवाए
पूजा पर OBC और विकलांगता कोटे का दुरुपयोग की जांच के लिए 11 जुलाई को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय की कमेटी ने भी एक्शन लेना शुरू कर दिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कमेटी ने पूजा खेडकर द्वारा लगाए गए OBC नॉन क्रिमीलेयर और विकलांगता सर्टिफिकेट मंगवाए हैं।

अहमदनगर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और नासिक के डिविजनल कमिश्नर दोनों सर्टिफेकेट और अपनी रिपोर्ट सौपेंगे। वहीं, पर्सनल ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती लगाने समेत अन्य आरोपों को लेकर RTO और पुलिस से रिपोर्ट मांगी गई है।
पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने ही सबसे पहले पूजा खेडकर के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद पूजा का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया था। विवाद बढ़ने पर 16 जुलाई को केंद्र सरकार ने पूजा की ट्रेनिंग रोक दी। उन्हें 23 जुलाई से पहले मसूरी स्थित सिविल सर्विस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट LBSNAA वापस बुला लिया गया। जांच पूरी होने तक पूजा वहीं रहेंगी।
डॉक्टर बोले- पूजा का सर्टिफिकेट फर्जी नहीं
पूजा ने कई बार UPSC के एग्जाम दिए हैं। उन्होंने कई बार अलग-अलग विकलांगता सर्टिफिकेट लगाए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अहमदनगर जिला अस्पताल से भी पूजा को विकलांगता सर्टिफिकेट जारी किया गया है। अस्पताल के सिविल सर्जन ने पुष्टि की थी कि पूजा को जारी किया गया सर्टिफिकेट फर्जी नहीं है।
इस सर्टिफिकेट में पूजा की मानसिक बीमारी और दोनों आंखों में मायोपिक डिजनरेशन का जिक्र है। इसी सर्टिफिकेट की रिपोर्ट अहमदनगर जिला कलेक्टर को सौंपी गई है। वे इस रिपोर्ट को नासिक के डिविजनल कमिश्नकर को भेज रहे हैं।
पूजा ने कलेक्टर के खिलाफ हैरेसमेंट केस किया
पूजा ने पुणे कलेक्टर सुहास दिवासे के खिलाफ हैरेसमेंट केस भी दर्ज कराया है। इसे लेकर पुलिस ने पूजा को नोटिस भेजा है। पुलिस ने पूजा से मामले को लेकर बयान दर्ज कराने का कहा है। पूजा बयान दर्ज करवाने के लिए आज पुणे आ सकती हैं।

दरअसल, महिला पुलिसकर्मियों की एक टीम 15 जुलाई को पूजा के वाशिम स्थित उनके आवास पर गईं, जहां उन्होंने सुहास दिवासे के खिलाफ उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर कलेक्टर दिवासे ने कहा, ‘मुझे अपने ऊपर लगे आरोपों की जानकारी नहीं है।’
पूजा के अन्य विकलांगता सर्टिफिकेट में 7% विकलांगता बताई गई
पुणे के यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल से 24 अगस्त 2022 को जारी सर्टिफिकेट में उन्हें 7% विकलांग बताया गया था। UPSC के नियम के मुताबिक विकलांग कोटे से सिलेक्शन के लिए 40% डिसेबिलिटी होना जरूरी है।

YCM के डीन राजेंद्र वाबले ने 16 जुलाई को कहा- 7% का मतलब है कि शरीर में कोई बड़ी विकलांगता नहीं है। पूजा का मामला लोकोमोटर डिसेबिलिटी यानी चलने-फिरने में परेशानी से जुड़ा है। इस सर्टिफिकेट में पूजा ने अपना एड्रेस भी गलत बताया था।
जिस ऑडी में घूमती हैं, उस पर 26 हजार का चालान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूजा खेडकर अपनी पोस्टिंग के दौरान जिस ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का स्टिकर लगाकर घूमती थीं, उस पर 26 हजार रुपए का जुर्माना बकाया है।
2022 से अब तक तेज गति से गाड़ी चलाने, सिग्नल तोड़ने और पुलिस के पूछने पर रुकने से इनकार करने जैसे ट्रैफिक रूल्स तोड़ने को लेकर ऑडी के 21 चालान पेंडिंग हैं। ऑडी कार एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड है।

RTO ने इंजीनियरिंग कंपनी को नोटिस जारी किया है। RTO के एक अधिकारी ने 12 जुलाई को बताया कि पुणे RTO ने पुणे स्थित एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को नोटिस जारी किया है, जिसके नाम पर MH-12/AR-7000 नंबर वाली ऑडी रजिस्टर्ड है। नोटिस में कंपनी को जांच के लिए ऑडी कार को तुरंत RTO में पेश करने के लिए कहा गया है।
पूजा पर नाम-उम्र से छेड़छाड़ का भी आरोप
पूजा की UPSC में गड़बड़ी के मामले में और भी खुलासे हुए हैं। सामने आया है कि पूजा ने UPSC के अटेम्प्ट बढ़ाने के लिए अपने नाम और उम्र में बदलाव किया था। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) में पूजा की तरफ से लगाए गए 2020 और 2023 के दो आवेदनों में पूजा के अलग-अलग नाम हैं।
पूजा ने 2020 के आवेदन में अपना नाम ‘खेडकर पूजा दिलीपराव’ और उम्र 30 साल बताई थी। वहीं, 2023 में CAT के आवेदन में उन्होंने अपना नाम ‘पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर’ और उम्र 31 साल बताई। सवाल उठाया जा रहा है कि तीन साल के अंतराल में उनकी उम्र एक ही साल कैसे बढ़ सकती है।
दरअसल, UPSC में जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट को 32 साल की उम्र तक 6 बार परीक्षा देने की अनुमति होती है। वहीं OBC कैटेगरी का अभ्यर्थी 35 साल तक 9 बार परीक्षा दे सकता है। सूत्रों के मुताबिक, पूजा ने कुल 11 बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी हैं।
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