डेली संवाद, कनाडा | Canada News: कनाडा में शांति भंग करने की कोशिश! हिंदू मंदिर पर हमले से भड़का हुआ भारतीय समुदाय, बढ़ती हुई धार्मिक असहिष्णुताकनाडा में हाल ही में एक बार फिर से हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया है। एडमोंटन स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पर कुछ असामाजिक तत्वों ने हमला कर दिया और उसकी दीवारों पर आपत्तिजनक और नफरत फैलाने वाले नारे लिख दिए।
ये घटना कनाडा (Canada) में पिछले कुछ समय से देखी जा रही बढ़ती हुई धार्मिक असहिष्णुता की ओर इशारा करती है। कनाडा एक बहु-सांस्कृतिक देश है, जहां पर हमेशा से सभी धर्मों को सम्मान दिया जाता रहा है। ऐसे में हिंदू मंदिरों पर लगातार हो रहे हमले चिंता का विषय हैं।
Canada के सांसद ने जताई चिंता
नेपियन से सांसद चंद्रा आर्य ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि पिछले कुछ सालों में कनाडा (Canada) के विभिन्न शहरों में स्थित हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र, ब्रिटिश कोलंबिया समेत कई जगहों पर मंदिरों की दीवारों पर नफरती संदेश लिखे जा रहे हैं। ये नारे न सिर्फ हिंदू धर्म का अपमान करते हैं बल्कि पूरे माहौल को खराब करते हैं।
लगातार हो रहे हैं हिंदू मंदिरों पर हमले
2023 में भी इसी तरह की घटना देखने को मिली थी, जब विंडसर शहर में स्थित एक हिंदू मंदिर को भारत विरोधी नारों से पोत दिया गया था। इस घटना की भी काफी निंदा हुई थी और कनाडा एवं भारतीय अधिकारियों से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की गई थी। मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में भी पहले इसी तरह के हमले देखे जा चुके हैं, जिससे कनाडा में रहने वाले भारतीय समुदाय में काफी गुस्सा और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है।
खालिस्तानी समर्थकों पर लगाए जा रहे हैं आरोप
सांसद चंद्रा आर्य का कहना है कि कनाडा (Canada) में सक्रिय खालिस्तानी समर्थक इस तरह के हिंसक कृत्यों के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये समूह खुलेआम नफरत और हिंसा की बयानबाजी करते हैं और उन्हें ऐसा करने से कोई नहीं रोकता। उन्होंने कनाडा की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन उग्रवादियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
कड़ी कार्रवाई की मांग
चंद्रा आर्य ने यह भी बताया कि खालिस्तानी समर्थक पिछले साल सार्वजनिक रूप से कनाडा के हिंदू समुदाय को वापस भारत जाने के लिए उकसा रहे थे। इतना ही नहीं, इन समर्थकों ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न भी मनाया था। सांसद आर्य ने मांग की है कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उनकी गतिविधियों पर लगाम लगाई जाए।
दूसरे नेताओं ने भी की निंदा
कनाडा (Canada) के एक अन्य राजनेता रैंडी बॉइसनोआल्ट ने भी इस घटना की सोशल मीडिया पर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि किसी भी पूजा स्थल पर इस तरह की नफरत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस घटना को कनाडा के मूल्यों के खिलाफ बताया है। बॉइसनोआल्ट ने कहा कि मंदिर एक शरणस्थल होते हैं, जहां लोग शांति से प्रार्थना कर सकते हैं। इस तरह के कृत्य समाज में कलह पैदा करते हैं।
कानून व्यवस्था पर उठे सवाल
लगातार हो रहे इन हमलों ने कनाडा (Canada) की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि सरकार को हिंदू मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। मंदिरों के आसपास सुरक्षा कैमरे लगाए जाने चाहिए और गश्त बढ़ाई जानी चाहिए। साथ ही साथ ये भी जरूरी है कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले लोगों को पकड़ा जाए और उन्हें सजा दी जाए। कड़ी सजा का प्रावधान ही भविष्य में होने वाले अपराधों को रोक सकता है।
विरोध प्रदर्शन और शांति की अपील
कनाडा (Canada) के विभिन्न शहरों में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोगों ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किए हैं। लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से सरकार से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। साथ ही साथ उन्होंने कनाडा के अन्य धर्मों के लोगों से भी अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं की निंदा करें और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में मदद करें। कनाडा की पहचान इसकी बहु-सांस्कृतिकता में है और किसी भी तरह की हिंसा या असहिष्णुता इस खूबसूरती को खराब कर सकती है।
Canada सरकार द्वारा उठाए गए कदम
कनाडा की सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करती है और किसी भी तरह के धार्मिक भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ट्रूडो ने यह भी बताया कि उनकी सरकार कनाडा में हो रही धार्मिक हिंसा की जांच करवाएगी और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।