डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: शंभू बार्डर (Shambhu Border) पर किसानों (Farmers) को रोकने के लिए हरियाणा (Haryana) के पुलिस (Police) अधिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए उनको बहादुरी के पुरुस्कारों की सिफ़ारिश पर पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां (Kultar Singh Sandhwan) ने एतराज जताया है।
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स्पीकर संधवा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को किसानों को शंभू बार्डर पर आगे बढ़ने से रोकने में शामिल पुलिस अधिकारियों के लिए बहादुरी के पुरुस्कारों की सिफ़ारिश संबंधी फ़ैसले पर पुर्नविचार करने की अपील की है।
फ़ैसले की सख़्त निंदा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे अपने पत्र में संधवां ने कहा कि किसानों की माँगों का समर्थन करते, मैं हरियाणा के डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस द्वारा हाल ही में शंभू बार्डर पर किसानों के मार्च को रोकने में शामिल छह पुलिस अधिकारियों/ कर्मचारियों को बहादुरी के पुरुस्कार देने की सिफ़ारिश पर गहरी चिंता और इस फ़ैसले की सख़्त निंदा करता हूँ।
उन्होंने आगे कहा कि, फ़िल्हाल कि मैं हमारी पुलिस फोर्स की बहादुरी और समर्पण का दिल से सम्मान करता हूँ और यह मानता हूँ कि उनके द्वारा निभाई गई शानदार सेवाओं के लिए मान-सम्मान देना बनता है। पंजाब विधान सभा स्पीकर ने अपने पत्र में लिखा कि कोई भी फ़ैसला लेने से पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए।
पुर्नविचार करने की अपील
प्रधान मंत्री को हरियाणा सरकार के इस दुभार्गयपूर्ण फ़ैसले पर पुर्नविचार करने की अपील करते हुए स. संधवां ने कहा कि भारत की सर्वोच्च संवैधानिक अथारिटी होने के नाते मैं आपको इस सिफारिश पर फिर विचार करने की अपील करता हूँ। उन्होंने कहा कि ऐसे हालातों में हमारे लिए लोकतंत्र, न्याय और मानवीय सिद्धांतों को बरकरार रखना बहुत ज़रूरी है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के किसानों द्वारा दिए जाते योगदान के लिए वह मान- सम्मान के हकदार है, इसके लिए उनके साथ किसी भी तरह की बेरुख़ी और बेइंसाफ़ी न की जाए। उन्होंने कहा कि यह हमारा फ़र्ज़ बनता है कि हम शहीद शुभकरन और अन्य किसान- मज़दूरों, जिनको इस प्रदर्शन दौरान संताप बर्दाश करना पड़ा, के लिए न्याय को यकीनी बनाए।