डेली संवाद,अमेरिका | US Work Permit: अमेरिका की एक हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक जरूरी फैसला सुनाया, जिसमें H-1B वीज़ा धारकों के जीवनसाथी को काम करने की अनुमति देने वाले नियम को बरकरार रखा गया। इस फैसले के तहत, जो लोग H-1B वीज़ा पर अमेरिका में काम कर रहे हैं, उनके पति या पत्नी को भी वहां नौकरी करने का अधिकार रहेगा।
H-1B वीज़ा क्या है?
H-1B वीज़ा अमेरिका में उन विदेशी पेशेवरों के लिए होता है जो विशेष कुशलता और शिक्षा के साथ काम करने आते हैं। इस वीज़ा का सबसे अधिक उपयोग तकनीकी क्षेत्र में होता है, जहाँ कई बड़ी कंपनियाँ, जैसे कि Google, Amazon, और Microsoft, इन पेशेवरों को नौकरी देती हैं।
US Work Visa: अदालत का फैसला
इस मामले में अमेरिकी कोर्ट ऑफ अपील्स ने फैसला दिया कि अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (DHS) को यह अधिकार है कि वे यह तय कर सकें कि वीज़ा धारकों को किन शर्तों के तहत अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट ने कहा कि वीज़ा धारकों के जीवनसाथी को काम करने की अनुमति देना कानून के दायरे में आता है।
इस फैसले से उन हजारों परिवारों को राहत मिलेगी जो अमेरिका में रहते और काम करते हैं। इससे H-1B वीज़ा धारकों के जीवनसाथी को भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने और अपने करियर को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।
2015 में दायर मुकदमा
इस नियम के खिलाफ 2015 में ‘सेव जॉब्स यूएसए’ नाम की संगठन ने एक मुकदमा दायर किया था। उनका दावा था कि इस नियम से अमेरिकी कर्मचारियों की नौकरियों पर खतरा है। लेकिन अदालत ने इस मुकदमे को खारिज कर दिया और कहा कि यह नियम संघीय कानून के अनुसार सही है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने संघीय एजेंसियों की शक्ति को सीमित करने वाला एक फैसला सुनाया था। ‘सेव जॉब्स यूएसए’ ने इस निर्णय का हवाला देते हुए अदालत से अपने पक्ष में फैसला देने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसला का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन्होंने 2015 के नियम को सही ठहराया।
यह फैसला H-1B वीज़ा धारकों और उनके जीवनसाथियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। इससे न केवल उन परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि अमेरिका में कुशल पेशेवरों को बेहतर करने में भी मदद मिलेगी।