डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: जालंधर में धन-धन गुरु रामदास स्वीट (Dhan Guru Ram Dass Sweets) की अवैध रूप से बनी कामर्शियल इमारत के मामले में नगर निगम (Jalandhar Municipal Corporation) के अफसरों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका (PIL) दायर होने जा रही है। आरोप है कि निगम अफसरों की मिलीभगत से पांच दुकानों को गिराकर पूरी कामर्शियल इमारत खड़ी कर दी गई, जिससे सरकार को लाखों रुपए का चूना लगा है।
रामदास स्वीट की कामर्शियल इमारत पर कोई एक्शन नहीं
हाईकोर्ट में याचिका (PIL) दाखिल करने की तैयारी कर रहे तरविंदर सिंह ने कहा है कि प्रताप बाग के पास धन-धन गुरु रामदास स्वीट की कामर्शियल इमारत को लेकर नगर निगम से आरटीआई (RTI) के जरिए जानकारी मांगी गई थी। जिसमें नगर निगम ने साफ कहा है कि इस संबंध में कोई नक्शा और एनओसी (NOC) या सीएलयू (CLU) उनके दफ्तर से जारी नहीं किया गया है।
नगर निगम द्वारा जारी RTI
इन अफसरों के खिलाफ PIL
तरविंदर सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट में निगम कमिश्नर गौतम जैन (Gautam Jain), सहायक कमिश्नर अमरजीत सिंह (Amarjit Singh Bains) बैंस, एमटीपी बलविंदर सिंह, एमटीपी विजय कुमार, एटीपी सुखप्रीत कौर, एटीपी सुखदेव वशिष्ठस एटीपी राजिंदर शर्मा और इंस्पैक्टर अजय कुमार समेत कई अफसरों के खिलाफ याचिका दायर करने जा रहे हैं।
कामर्शियल इमारत के खिलाफ कोई कार्ऱवाई नहीं
तरविंदर सिह ने बताया कि नगर निगम ने माना है कि धन धन गुरु रामदास स्वीट का कोई नक्शा पास नहीं है, न ही कोई CLU है, बावजूद इस कामर्शियल इमारत के खिलाफ कोई कार्ऱवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि कोई सिंगल दुकान बनाता है तो उस पर डिच चल जाती है, यहां पांच दुकानों को तोड़कर पूरी कामर्शियल इमारत बन गई, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ।
हाईकोर्ट में सभी अफसरों की पेशी करवाएंगे
तरविंदर सिंह ने आरोप लगाया है कि स्वीट शाप के मालिक से इंस्पैक्टर से लेकर बड़े अफसरों तक पैसे की बंदरबांट हुई है, जिससे कोई भी अफसर इस नाजायज इमारत पर कार्ऱवाई के लिए आदेश नहीं जारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में सभी अफसरों की पेशी करवाएंगे।