डेली संवाद, नई दिल्ली। CBI Arrests ED Assistant Director: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सहायक निदेशक संदीप सिंह यादव को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। इस घटना ने सरकारी अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी के बढ़ते मामलों पर एक बार फिर से रोशनी डाली है।
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संदीप सिंह को दिल्ली में रंगे हाथों पकड़ा गया, जब वह मुंबई के एक जौहरी से यह रिश्वत ले रहे थे। यह मामला सीबीआई के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
CBI Arrests ED Assistant Director: कैसे हुआ खुलासा?
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब मुंबई में बुलियन का कारोबार करने वाले व्यापारी विपुल ठक्कर ने सीबीआई के पास शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि संदीप सिंह यादव, जो ED में सहायक निदेशक के पद पर तैनात हैं, ने उनसे रिश्वत की मांग की थी।
ठक्कर के अनुसार, संदीप सिंह ने उनके बेटे की गिरफ्तारी से बचाने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। कई दौर की बातचीत के बाद, यह राशि 20 लाख रुपये तय की गई।
CBI ने जब इस शिकायत की जांच की, तो आरोप सही पाए गए। इसके बाद सीबीआई ने एक विशेष टीम बनाई और संदीप सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।
CBI Arrests ED Assistant Director के ऑपरेशन और संदीप सिंह की भूमिका
4 अगस्त को ED ने दिल्ली, उत्तराखंड और बेंगलुरु में कई स्थानों पर छापेमारी की थी। यह छापेमारी मुंबई के व्यापारी विपुल ठक्कर के परिसरों पर भी की गई, जो धन शोधन में शामिल होने के शक में थे। इस छापेमारी का नेतृत्व संदीप सिंह कर रहे थे, जिन्हें “सर्च वारंट अधिकृत अधिकारी” (Search Warrant Authorising Officer) के रूप में नियुक्त किया गया था।
छापेमारी के बाद, संदीप सिंह ने खुद को इस मामले में जांच अधिकारी घोषित कर दिया और ठक्कर के बेटे निहार ठक्कर को गिरफ्तार न करने के बदले में रिश्वत की मांग की। यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें संदीप सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए लाभ उठाने की कोशिश की।
CBI की कार्रवाई और ED का जवाब
CBI ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके बाद, ED ने भी अपने अधिकारी के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया। ED और CBI ने ज्वाइंट रूप से संदीप सिंह के कार्यालय पर भी छापेमारी की, जहां कई अहम दस्तावेज और सबूत बरामद किए गए।
CBI निदेशक की जिम्मेदारियां और अधिकार
इस पूरे मामले में CBI निदेशक की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण रही। CBI निदेशक की तनख्वाह (cbi director salary) और उनके पद पर बने रहने की उम्र सीमा (cbi director age limit) जैसी जानकारियां भी सामने आई हैं। सीबीआई निदेशक की नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया (cbi director removal) भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
CBI निदेशक का पद अत्यधिक जिम्मेदारी और अधिकारों से भरा होता है। उनकी सैलरी और सेवा शर्तें इस पद की गरिमा को और भी बढ़ा देती हैं। CBI निदेशक का चयन और उनके कार्यकाल की अवधि निर्धारित करना सरकार के लिए एक जरूरी काम होता है। साथ ही, उन्हें हटाने की प्रक्रिया भी स्पष्ट और सख्त होती है, ताकि इस पद की गरिमा को बनाए रखा जा सके।