Kolkata Doctor Murder: डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं हो रही बाधित, मरीज हो रहे परेशान; AIIMS ने हड़ताल खत्म करने की अपील

Daily Samvad
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डेली संवाद, नई दिल्ली। Kolkata Doctor Murder: पश्चिम बंगाल (W. Bengal) की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में महिला जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी से दुष्कर्म (Rape) करने के बाद हत्या की, घटना से आक्रोशित रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल (Doctor’s Strike) बुधवार को दसवें दिन भी जारी है।

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डॉक्टरों की हड़ताल से राजधानी में स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं और अस्पतला में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीज परेशान हो रहे हैं। लोगों की परेशानी के मद्देनजर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक ने रेजिडेंट डॉक्टरों से तुरंत अपनी ड्यूटी पर लौटने की अपील की है ताकि रोगी देखभाल सेवाएं सामान्य हो सकें।

साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए डीन (अकादमी) की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने के फैसले के बाद भी डॉक्टरों ने हड़ताल वापस नहीं ली है।

हड़ताल वापस लेने के दिए थे संकेत

उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित करने के फैसले के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठनों ने हड़ताल वापस लिए जाने के संकेत दिए थे।

आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा कर इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दे दी थी, लेकिन बाद में रेजिडेंट डॉक्टरों के दबाव में मुकर गया। एम्स, सफदरजंग अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों के आरडीए ने भी हड़ताल वापस लेने की घोषणा नहीं की।

Kolkata Doctor Dr Moumita Debnath
Kolkata Doctor Dr Moumita Debnath

इस वजह‌ से बुधवार को भी डॉक्टरों की हड़ताल जारी है। फेडरेशन आफ ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफएआइएमए) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन ड्यूटी पर वापस लौटने की अपील को मानने से इनकार कर दिया। एसोसिएशन का कहना है कि उनकी मांग डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए अलग कानून बनाने व अध्यादेश लाने की है। अभी यह मांग पूरी नहीं हुई है।

सरकारी अस्पतालों में नहीं सुधरे हालात

कोलकाता में जूनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर से दुष्कर्म और फिर हत्या के मामले के बाद भी सरकारी अस्पतालों में हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं।

सोमवार रात एलएन और जीबी पंत अस्पताल में पड़ताल की गई, तो देखा गया कि रात में महिला डॉक्टर इमरजेंसी में अपनी सेवाएं दे रही थीं। सुरक्षा में तैनात कर्मी बस नाम के लिए बैठे थे। लोग बिना रोकटोक और बिना जांच के अस्पताल में दाखिल हो रहे थे।

रात में महिला चिकित्सक दे रहीं सेवाएं

एलएन अस्पताल में सोमवार रात करीब नौ बजे तीन दो महिला चिकित्सक और एक नर्स सेवा दे रही थीं। इस दौरान इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ लगी हुई थी। इमरजेंसी के गेट पर दो गार्ड मौजूद थे, जो इक्का-दुक्का मरीजों व उनके परिजनों से पूछताछ के बाद अंदर जाने की इजाजत दे रहे थे।

Resident doctors of AIIMS Delhi went on strike in protest against the Kolkata incident
Resident doctors of AIIMS Delhi went on strike in protest against the Kolkata incident

देशभर में चल रहे हंगामे के बाद भी अस्पताल में रात के समय महिला चिकित्सकों व नर्सों की ड्यूटी लगाई जा रही है। वहीं जीबी पंत अस्पताल की इमरजेंसी में भी रात करीब साढ़े नौ बजे तीन महिला चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रही थीं। यहां गेट पर बैठे सुरक्षाकर्मी अनजान लोगों को अंदर जाने से रोकते दिखाई दिए।

हॉस्टल के गेट पर नहीं दिखे सुरक्षाकर्मी

एलएन अस्पताल के महिला हास्टल में सैकड़ों की संख्या में चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी व नर्स रहती हैं। सोमवार देर शाम इस हॉस्टल के गेट पर कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था। जबकि यहां सबसे अधिक कड़ी सुरक्षा की आवश्यकता रहती है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लापरवाही से कोई बड़ा हादसा फिर से घटित हो सकता है।

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