Shivaji Maharaj statue collapse: हाल ही में महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची मूर्ति गिरने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफी मांगी। यह मूर्ति राज्य के रत्नागिरी में 8 महीने पहले ही स्थापित की गई थी और इसका उद्देश्य मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की समुद्री रक्षा और सुरक्षा में ऐतिहासिक योगदान को सम्मानित करना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के पालघर में एक प्रोग्राम के दौरान कहा, “मैं यहां उतरते ही सबसे पहले शिवाजी के चरणों में क्षमा मांगता हूं। मैं उन सभी लोगों से भी माफी मांगता हूं जिन्हें इस घटना से ठेस पहुंची है।” उन्होंने कहा, “जो लोग छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना आराध्य मानते हैं और इस घटना से गहरा दुखी हैं, मैं उनका सिर झुकाकर क्षमा मांगता हूं। हमारे लिए हमारे आराध्य से बड़ा कुछ भी नहीं है।”
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Shivaji Maharaj statue collapse मूर्ति गिरने की घटना और आरोप
मूर्ति गिरने की घटना के बाद राज्य की लोक निर्माण विभाग (PWD) ने कहा कि मूर्ति की स्थिरता के लिए यूज किए गए नट-बोल्ट के जंग लगने से खतरा पैदा हुआ था, लेकिन इस बारे में चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया था। टिप्स्टर का कहना है कि इन चेतावनियों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके चलते यह घटना घटी।
इस बीच, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने सत्तारूढ़ सरकार पर मूर्ति निर्माण के मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की है।
विपक्ष पर प्रधानमंत्री का निशाना
इस विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “हमारे मूल्य अलग हैं, हम उन लोगों में से नहीं हैं जो मां भारती के महान पुत्र, इस धरती के पुत्र, वीर सावरकर का अपमान करते रहते हैं। वे माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं, वे अदालतों में जाकर लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।” यह टिप्पणी उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर इनडायरेक्ट रूप से तंज की, जो वीर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि मामले का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिंदे का बयान
विवाद के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज(Shivaji Maharaj statue collapse) के चरणों में सिर झुकाकर 100 बार माफी मांगने के लिए तैयार हैं। यह बयान उन्होंने विपक्ष के आरोपों और विवादों के बीच जनता को शांत करने के उद्देश्य से दिया।