Breaking News: नगर निगम के दफ्तर में अफसर ने किया सुसाइड का प्रयास, साथ बैठे मुलाजिमों ने जहर की डिब्बी छीनी, जमकर हंगामा

Daily Samvad
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डेली संवाद, रतलाम। Breaking News: नगर निगम (Municipal Corporation) में उस समय अफरा तफरी मच गई है, जब सुपरिंटैंडेंट (Superintendent) स्तर के एक अधिकारी ने जहर निगल कर आत्महत्या करना चाहा। सुसाइड के लिए जहर की डिब्बी निगम अफसर अपने साथ लाया था। वह अपने दफ्तर में डिब्बी से जहर की गोलियां निकालकर मुंह में डालने लगा तो दूसरे मुलाजिमों ने तुरंत पकड़ लिया और जहर को छीनकर फेंक दिया।

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मामला रतलाम नगर निगम (Ratlam Municipal Corporation) का है। यहां कार्यालय अधीक्षक ने सुसाइड करने की कोशिश की। साथी कर्मचारियों ने उनके हाथ से जहर की डिब्बी छीन ली। बचाने के लिए उनके मुंह पर हाथ रख लिया। उन्होंने अकाउंटेंट पर पिछले दो महीने से वेतन वृद्धि (Salary increment) नहीं देने का आरोप लगाया। करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा।

अकाउंटेंट के खिलाफ नारेबाजी

कार्यालय अधीक्षक गोपाल झारीवाल नगर निगम में पदस्थ हैं। इसी कार्यालय में विजय बालोत्रा अकाउंटेंट हैं। झारीवाल ने इन्हीं पर आरोप लगाया है। इससे पहले झारीवाल धरने पर बैठे थे और अकाउंटेंट के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे।

नगर निगम में सभी कर्मचारी अपने तय समय पर ड्यूटी पर पहुंच रहे थे। बिल्डिंग के फर्स्ट फ्लोर पर कार्यालय अधीक्षक गोपाल झारीवाल के केबिन के सामने ही अकाउंटेंट विजय बालोत्रा का केबिन है। पास ही, निगम कमिश्नर हिमांशु भट्ट का चैंबर है।

सैलरी इन्क्रीमेंट नहीं देने का आरोप

सुबह करीब 11 बजे झारीवाल अचानक अकाउंट शाखा के बाहर फर्श पर धरने पर बैठ गए। अकाउंटेंट के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कर्मचारियों के प्रति दुर्भावना बताकर सैलरी इन्क्रीमेंट नहीं देने का आरोप लगाया। शोर-शराबा सुनकर कई अधिकारी और कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए।

इसी दौरान झारीवाल ने अपनी जेब से एक डिब्बी निकाली और जहर की गोलियां खाने की कोशिश की। यह देख मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने हाथ से डिब्बी छीन ली। उनके मुंह पर हाथ रख लिया ताकि वे गोलियां न खा पाएं। इसके बाद समझाइश देकर किसी तरह मामला शांत कराया।

वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दे रहे

झारीवाल ने बताया कि, ‘राज्य सरकार के आदेश से कर्मचारियों के लिए चौथा वेतनमान लगाया गया था। बिना आदेश के दो महीने से अकाउंटेंट विजय बालौत्रा वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दे रहे थे। ऐसा 10-15 कर्मचारियों के साथ किया गया। इस बात को लेकर निगम आयुक्त, स्थापना शाखा प्रभारी और अकाउंटेंट से शिकायत कर चुके हैं।

घटना के बाद अफसर हरकत में आए। बताया गया कि अगस्त महीने की सैलरी में इन्क्रीमेंट का फायदा दे दिया गया है। उधर, अकाउंटेंट विजय बालोत्रा का कहना है कि, ‘स्थापना से जो बिल करेक्शन होकर आते हैं, वह आगे बढ़ा देते हैं। हमने करेक्शन कर वापस वेतन में जोड़ दिया है। सैलरी 4 अगस्त को आनी थी।













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