डेली संवाद, लखनऊ। UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ उनके जीवनस्तर में सुधार के लिए भी प्रयासरत है। प्रदेश के गन्ना किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले, इसके लिए योगी सरकार ने चीनी मिलों (Sugar Mills) की स्थापना और आधुनिकीकरण पर विशेष जोर दिया है।
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इसी क्रम में प्रदेश सरकार की बागपत और मुजफ्फरनगर में चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की योजना है। इसमें इन मिलों की कार्यक्षमता में सुधार के साथ ही तकनीकी अपग्रेडेशन शामिल है।
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में इस पर विचार किया गया। इसमें किसान सहकारी चीनी मिल बागपत की कार्यक्षमता में सुधार के लिए मार्जिनल विस्तार (2500 टीसीडी से 3000 टीसीडी क्रशिंग क्षमता), तकनीकी अपग्रेडेशन एवं आधुनिकीकरण कार्य से संबंधित प्रस्ताव के लिए 84.77 करोड़ की लागत का अनुमान जताया गया है।
2024-25 के शासकीय बजट में 65 करोड़ के अनुदान
इसमें 50 प्रतिशत राज्य सरकार से अंश पूंजी के रूप में तो 50 प्रतिशत ऋण के रूप में लिए जाने की वित्तीय व्यवस्था की जाएगी। 2024-25 के शासकीय बजट में 65 करोड़ के अनुदान के तहत निवेश/ऋण का प्रावधान है। मिल के आधुनिकीकरण की आवश्यकता के बारे में बताया गया कि मिल के कमांड एरिया में गन्ने की प्रचुर उपलब्धता है। साथ ही मिल द्वारा लगभग 4.82 लाख टन गन्ने की पेराई की जा रही है। अगले 5 वर्षों में कारखाने के कमांड एरिया से प्लांट को लगभग 5.01 लाख टन गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इसी तरह गंगा किसान सहकारी चीनी मिल लि. मोरना, मुजफ्फरनगर की कार्यक्षमता में मार्जिनल विस्तार (2500 टीसीडी से 3000 टीसीजी क्रशिंग कैपेसिटी), तकनीकी अपग्रेडेशन एवं आधुनिकीकरण कार्य के लिए 88.02 करोड़ की प्रस्तावित लागत का अनुमान जताया गया है।
बगास की बचत के साथ ही चीनी परता में वृद्धि
यहां भी वित्तीय व्यवस्था समान रहेगी, जबकि आधुनिकीकरण की आवश्यकता के विषय में कमांड एरिया में गन्ने की प्रचुर उपलब्धता, लगभग 4.85 लाख टन गन्ने की पेराई के साथ ही अगले 5 वर्षों में 5.40 लाख टन गन्ना पेराई के लिए उपलब्ध कराए जाने की बात कही गई है।
तकनीकी अपग्रेडेशन एवं आधुनिकीकरण से इन मिलों को काफी लाभ मिलेगा। स्टीम एवं पावर कंजप्शन में कमी आएगी, गन्ने की समय से पेराई होगी, बगास की बचत के साथ ही चीनी परता में वृद्धि होगी।