डेली संवाद, नई दिल्ली। Jammu-Kashmir Election: जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग (Terror Funding) मामले में आरोपी और बारामूला (Baramulla) के सांसद इंजीनियर राशिद (MP Engineer Rashid) को जमानत मिल गई। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद की जमानत मंजूर कर ली।
यह भी पढ़ें: कनाडा के कॉलेजों पर आर्थिक संकट, भारतीय छात्रों की कमी के कारण हालात बिगड़े
उसे जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत दी है। अदालत ने उसकी नियमित जमानत याचिका पर अपना आदेश कल के लिए सुरक्षित रखा है।
फैसला सुरक्षित रख लिया था
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने मामले में 28 अगस्त को इन कैमरा जमानत याचिका पर दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने इससे पहले पांच जुलाई को राशिद को जम्मू-कश्मीर के बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद शपथ लेने के लिए हिरासत में पैरोल दी थी।
इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामुल्ला से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया।
राशिद अभी तिहाड़ जेल में बंद
राशिद 2019 से जेल में है, जब उसे वर्ष 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत एनआईए ने गिरफ्तार किया था। अभी वो तिहाड़ जेल में बंद है।
राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान मामले में सामने आया था। इसे NIA ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित रूप से फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इस मामले में यासीन मलिक को आजीवन कारावास
एनआईए ने इस मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। यासीन मलिक को आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।