डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: Punjab sought exemption in GST- पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कर मंत्री, एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा (Harpal Singh Cheema) ने जीएसटी काउंसिल (GST Council) को सूचित किया कि जीएसटी प्रणाली (GST implementation) लागू होने के बाद राज्य के राजस्व में काफी कमी आई है।
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उन्होंने कहा कि जीएसटी राजस्व (GST Revenue) में इस कमी को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल को कर राजस्व में कमी वाले राज्यों को मुआवजा देने के तरीके खोजने चाहिए। चीमा ने इस बात पर जोर देते हुए कि शिक्षा, पंजाब सरकार के लिए प्राथमिकता वाला क्षेत्र है, उन्होंने अनुसंधान अनुदानों को जीएसटी से छूट देने की भी वकालत की।
नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता पंजाब
जीएसटी काउंसिल की 54वीं बैठक के संबंध में जारी प्रेस बयान में पंजाब के आबकारी और कर विभाग के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने काउंसिल को बताया कि जीएसटी प्रणाली के तहत कर दरें अब राज्य के नियंत्रण में नहीं हैं, जिससे पंजाब इस प्रणाली के कारण हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता।
इसके अलावा दूसरे राज्यों में उपयोग होने वाली वस्तुओं का निर्माण पंजाब में होने के कारण ही प्रदेश को कम आई.जी.एस.टी. का उपयुक्त हिस्सा नहीं मिलता। इसीलिए, जीएसटी राजस्व में कमी को देखते हुए कैबिनेट मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने काउंसिल को जीएसटी के लागूकरण कर राजस्व में कमी वाले राज्यों को मुआवजा देने के तरीकों की समीक्षा करने की अपील की।
अनुदानों को जीएसटी से छूट देने की बात
वित्त मंत्री श्री चीमा ने शिक्षा को प्रोत्साहित करने के संबंध में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए अनुसंधान अनुदानों को जीएसटी से छूट देने की बात भी रखी। जीएसटी काउंसिल ने सरकारी संस्थानों, अनुसंधान संघों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और आयकर अधिनियम की धारा 35 के तहत अधिसूचित अन्य संस्थानों को निजी अनुदानों सहित अनुसंधान अनुदानों से छूट देने पर सहमति जताई।
पंजाब सरकार ने व्यापार से व्यापार (बी टू बी) लेनदेन पर 2% टीडीएस के साथ-साथ रिवर्स शुल्क प्रणाली के आधार पर मेटल स्क्रैप पर कर लगाने के जीएसटी काउंसिल के फैसलों का स्वागत किया। हालांकि, कैबिनेट मंत्री चीमा ने मेटल स्क्रैप पर रिवर्स शुल्क प्रणाली (आरसीएम) की दर की समीक्षा करने और इसे 5% तक घटाने का प्रस्ताव दिया। जीएसटी काउंसिल ने श्री चीमा द्वारा दिए गए सुझावों पर विचार करते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
रिपोर्ट सौंपने की सिफारिश की
कैबिनेट मंत्री स. चीमा ने स्वास्थ्य और टर्म इंश्योरेंस पर अदा किए जाने वाले प्रीमियम पर जीएसटी को घटाने या इससे छूट देने की भी वकालत की, जिससे आम आदमी को लाभ हो सके। हालांकि, इस पर कोई सहमति नहीं बनी, लेकिन काउंसिल ने मंत्रियों के समूह (जीओएम) को अक्टूबर 2024 तक इस संबंध में रिपोर्ट सौंपने की सिफारिश की।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आईजीएसटी खाते (लेजर) में नकारात्मक बैलेंस होने के कारण राज्यों से वसूली पर भी आपत्ति जताई और नकारात्मक शेष के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए अधिकारियों की एक समिति गठित करने की सिफारिश की। काउंसिल ने स. चीमा की इस अपील पर भी सहमति जताई।
‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर संभावित छूट
जीएसटी काउंसिल द्वारा बिजली के ट्रांसमिशन और वितरण संबंधी सहायक सेवाओं में छूट दी गई है, और मंत्री स. चीमा द्वारा ‘जैसा है, जहां है’ के आधार पर संभावित छूट और पिछली अवधि को नियमित करने के संबंध में की गई अपील को स्वीकार कर लिया गया। पंजाब ने कर वसूली को आसान बनाने के लिए व्यावसायिक संपत्तियों पर जीएसटी लगाने का प्रस्ताव भी रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी दी गई।
पंजीकरण के 30 दिनों के भीतर बैंक खातों के विवरण प्रस्तुत करने संबंधी आदेश में संशोधन के बारे में स. चीमा ने वास्तविक करदाताओं की सुरक्षा के मद्देनजर अनैतिक तत्वों को सिस्टम में प्रवेश करने से रोकने के लिए समय सीमा को घटाकर 15 दिन करने का सुझाव दिया। काउंसिल ने इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए सहमति व्यक्त की है।
जालंधर में एक अतिरिक्त बेंच स्थापित
पंजाब सरकार ने कर नियमों के अनुपालन में सुधार के लिए बिजनेस टू कंज्यूमर ई-इनवॉइसिंग संबंधी पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए भी सहमति जताई। जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी अपीलीय ट्रिब्यूनल की स्थापना पर भी चर्चा की और पंजाब सरकार चंडीगढ़ में मुख्य ट्रिब्यूनल की स्थापना करने और जालंधर में एक अतिरिक्त बेंच स्थापित करने के लिए तैयार है। यह जानकारी मिली है कि पंजाब सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।