डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 18 September 2024: आज बुधवार (Wednesday) है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज 18 सितंबर से आश्विन माह की शुरुआत हो रही है। अश्विन माह का कृष्ण पक्ष पितरों को समर्पित होता है। इस पक्ष में पितरों का तर्पण और पिंडदान किया जाता है।
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अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण किया जा रहा है। आज यानी पितृ पक्ष के पहले दिन दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पितरों का तर्पण किया जाएगा। आइए, पंडित प्रमोद शास्त्री से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।
शुभ मुहूर्त
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आज सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शुरू होगी। इस तिथि का समापन 19 सितंबर को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। साधक चंद्र ग्रहण के बाद स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण कर सकते हैं।
शिववास योग
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर सुबह 08 बजकर 05 मिनट से शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 19 सितंबर को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस दौरान देवों के देव महादेव कैलाश पर मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। शिववास योग के दौरान पितरों का तर्पण करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।
करण
पितृ पक्ष के पहले दिन बव, बालव और कौलव करण के योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों का तर्पण कर सकते हैं। इसके साथ ही पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र संयोग बन रहा है। इन शुभ योग में पितरों का तर्पण करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।
आज का पंचांग (Panchang 18 September 2024)
सूर्योदय – सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर
सूर्यास्त – शाम 06 बजकर 22 मिनट पर
चन्द्रोदय– शाम 06 बजकर 37 मिनट पर
चंद्रास्त– नहीं…
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल – सुबह 07 बजकर 39 मिनट से 09 बजकर 11 मिनट तक
गुलिक काल – दोपहर 01 बजकर 48 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
दिशा शूल – उत्तर
ताराबल
भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन