डेली संवाद, चंडीगढ़। Study In Germany: कनाडा (Canada) सरकार द्वारा लगातार भारतीयों के लिए नियमों में बदलाव करना जारी है। एक समय ऐसा था जब पंजाब के ज्यादातर बच्चे कनाडा जाकर पढ़ाई (Study In Canada) करना और उसके बाद वहां नौकरी (Jobs In Canada) करना पसंद करते थे।
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लेकिन अब कनाडा सरकार लगातार पढ़ाई व नौकरी करने के नियमों में कड़े बदलाव कर भारतीयों को झटके दे रही है जिसके कारण भारतीय छात्रों का कनाडा से मोहभंग होता जा रहा है। अब स्टूडेंट्स कनाडा में पढ़ाई करने की बजाय जर्मनी (Germany) जाकर पढ़ना चुन रहे है।
भारतीय छात्र जर्मनी जाकर पढ़ाई करना पसंद कर रहे
आज के समय में भारतीय छात्र जर्मनी जाकर पढ़ाई करना पसंद कर रहे है। जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सर्विस, डॉयचर एकेडेमिशर ऑस्टौशडिएनस्ट (DAAD) के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में भारतीय छात्रों की संख्या में 15.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। 2023-2024 के विंटर सेमेस्टर में, जर्मनी ने 49,483 भारतीय छात्रों की मेजबानी की है।
बताया जा रहा है कि जर्मनी में भारतीय छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी जारी है। पिछले पांच सालों में यह संख्या दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है। भारतीय छात्र अब लगातार दूसरे साल जर्मनी में सबसे बड़ी इंटरनेशनल कम्युनिटी बन गए हैं।
छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी का कारण
दरअसल जर्मनी किफायती ट्यूशन, रहने की उचित लागत और कई स्कॉलरशिप प्रदान करता है। इसके टॉप रैंक वाले विश्वविद्यालय, प्रसिद्ध STEM प्रोग्राम और विविध अंग्रेजी-शिक्षित कोर्स हाई क्वालिटी वाली एजुकेशन प्रदान करते हैं।
इंटनेशनल स्टूडेंट्स प्रति सप्ताह 20 घंटे तक काम कर सकते हैं और 18 महीने के पोस्ट-स्टडी वर्क परमिट का लाभ उठा सकते हैं। सरल वीज़ा प्रक्रियाओं के साथ, जर्मनी एक स्वागत योग्य माहौल भी प्रदान करता है और अपने एजुकेशन सिस्टम में रिसर्च और प्रक्टिकल एक्सपीरिएंस पर जोर देता है।
इंजीनियरिंग के लिए दी जा रही प्राथमिकता
एकेडमिक डिसिप्लिन में एनरोलमेंट की बात करें तो इंजीनियरिंग के लिए प्राथमिकता दी जा रही है, जो कुल नामांकन का 60 फीसदी है। लॉ, मैनेजमेंटल और सोशल स्टडीज 21 प्रतिशत स्टूडेंट्स को अट्रेक्ट करते हैं, जबकि मैथ्स और नेचुरल साइंस 13 फीसदी का योगदान देते हैं। शेष 5 फीसदी स्टूडेंट्स अन्य क्षेत्रों में पढ़ाई करते हैं।