Canada Immigration Rule: कनाडा में लागू होने जा रहा है नया इमीग्रेशन प्लान, जाने भारतीयों पर क्या पड़ेगा असर

Mansi Jaiswal
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डेली संवाद, कनाडा। Canada Immigration Rule: कनाडा (Canada) में आने वाले वक्त में पढ़ने, नौकरी करने और घूमने जाने वाले लोगों की संख्या कम हो सकती है। कनाडा (Canada) का ‘इमिग्रेशन रिफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा’ (IRCC) विभाग 2025 से 2027 तक के लिए नया इमिग्रेशन प्लान (Canada Immigration Plan) लाने वाला है। ये प्लान 1 नवंबर से पहले कभी भी जारी किया जा सकता है।

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इसमें कनाडा (Canada) आने वाले लोगों को लेकर कई अहम बदलाव किए गए हैं। पहले कनाडा (Canada) के इमिग्रेशन प्लान में सिर्फ उन्हीं लोगों की जानकारी होती थी, जो हमेशा के लिए कनाडा (Canada) में बसना चाहते हैं। मगर पहली बार इसमें कुछ समय के लिए देश में आने वाले लोग भी शामिल किए जाएंगे।

हर साल इमिग्रेशन लेवल प्लान

कुछ समय के लिए देश में आने वाले लोग टेंपररी रेजिडेंट कहलाते हैं। इनमें वे लोग शामिल होते हैं, जो काम करने, पढ़ाई करने या फिर घूमने के लिए कनाडा आते हैं। कनाडा हर साल अपना इमिग्रेशन लेवल प्लान जारी करता है।

इस प्लान में बताया जाता है कि अगले तीन सालों में कितने लोगों को कनाडा आने की इजाजत दी जाएगी। कनाडा के इस प्लान का असर वहां की आबादी, सामाजिक व्यवस्था, टैक्स सिस्टम, घरों की कमी, स्वास्थ्य सेवाओं और जॉब मार्केट पर भी पड़ता है।

टेंपररी रेजिडेंट्स कम करना चाहता है कनाडा

कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने टेंपररी रेडिडेंट्स को प्लान में शामिल करना एक बड़ा बदलाव है। 2023 में लगभग 25 लाख टेंपरेरी रेजिडेंट कनाडा में आए, जो देश की आबादी का 6.2% है। मिलर ने कहा कि हमारा मकसद अगले तीन साल में इस संख्या को 5% करना है।

हालांकि, अभी ये तय नहीं हो पाया है कि अगले तीन साल में कितने लोगों को कनाडा में आने की इजाजत मिलने वाली है। मगर सरकार के कुछ पुराने ऐलानों से पता लग सकता है कि नए प्लान में क्या होने वाला है।

स्टडी परमिट की सीमित संख्या

IRCC ने जनवरी में ऐलान किया कि वह स्टडी परमिट की संख्या सीमित कर रहा है। सरकार ने 2023 में सिर्फ 6,06,000 स्टूडेंट वीजा के लिए आवेदन मंजूर करने का फैसला किया था। इनमें से लगभग 3,60,000 आवेदन मंजूर होने की उम्मीद थी। यह 2022 के मुकाबले 35% कम है।

ये फैसला तब किया गया, जब खुद मार्क मिलर अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या कम करने के खिलाफ थे। फिर इस साल सितंबर में सरकार ने 2025 के लिए स्टूडेंट वीजा की संख्या को और भी ज्यादा कम कर दिया।

सरकार ने 2025 में सिर्फ 4,37,000 स्टडी परमिट मंजूर किए जाने का लक्ष्य रखा है। पहले मास्टर और पीएचडी करने वाले छात्रों को इस सीमा से बाहर रखा गया था लेकिन अब उनके पर भी यही नियम लागू होगा। 2023 में कनाडा आने वाले कुल लोगों में से 42% लोग स्टडी परमिट पर आए थे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नए इमिग्रेशन प्लान में एक ठीक-ठाक संख्या तय कर दी जाएगी, जिन्हें स्टूडेंट वीजा दिया जाने वाला है। ऐसे में भारतीयों पर सीधे तौर पर इसका असर पड़ने वाला है।

ओपन वर्क परमिट में बदलाव

कनाडा सरकार ओपन वर्क परमिट नियमों में भी बदलाव करने वाली है। इसमें पोस्ट ग्रेजुएशन वर्क परमिट (PGWP) और स्पाउजल ओपन वर्क परमिट (SOWP) शामिल हैं। सरकार अब PGWP के लिए अप्लाई करने वाले लोगों के लिए भाषा की परीक्षा अनिवार्य कर रही है।

सरकार का लक्ष्य है कि वह अगले तीन सालों में PGWP की संख्या को 1,75,000 तक कम कर देगी। SOWP के नियमों में भी बदलाव करके सरकार इसकी संख्या 50,000 कम करना चाहती है। अब SOWP के लिए सिर्फ उन्हें लोगों को अप्लाई करने का मौका मिलेगा, जो खास कोर्स करेंगे या जिनके पास कनाडा में जरूरत वाले क्षेत्रों का एक्सपीरियंस होगा।

हालांकि जिनके जीवनसाथी बहुत ज्यादा स्किल वाले हैं उन्हें SOWP मिलता रहेगा। कुल मिलाकर कनाडा सरकार अगले तीन सालों में सभी तरह के ओपन वर्क परमिट की संख्या 3,25,000 कम करना चाहती है। ऐसे में जो भारतीय पहले कनाडा में पढ़ने जाते थे और उनके जीवनसाथी को वहां काम करने का मौका मिलता था, वो अब नहीं होगा।

टेम्परेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम का कड़ा होना

कनाडा के रोजगार मंत्री रैंडी बोइसोन्नौल्ट ने टेम्परेरी फॉरेन वर्कर प्रोग्राम (TFWP) में बदलाव का ऐलान किया है। नए नियमों के मुताबिक अब कोई भी कंपनी अपने यहां कुल कर्मचारियों के 10% से ज्यादा लोगों को TFWP के तहत नौकरी पर नहीं रख सकेगी। इसके अलावा कम तनख्वाह वाली नौकरियों के लिए TFWP के तहत आने वाले लोग अब दो साल के बजाय सिर्फ एक साल के लिए ही काम कर सकेंगे।

जिन इलाकों में बेरोजगारी की दर 6% से ज्यादा है, वहां TFWP के तहत नए लोगों को काम पर रखने की इजाजत नहीं मिलेगी। रैंडी बोइसोन्नौल्ट का कहना है कि TFWP को आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कंपनियों से अपील की है कि वह TFWP पर ज्यादा निर्भर ना रहें। इस तरह जो भारतीय TFWP के तहत कनाडा में काम के लिए जाते थे, उनका जाना मुश्किल होने वाला है।

परमानेंट रेसिडेंट को लेकर रखा गया लक्ष्य

कनाडा ने अपने 2024-2026 के इमिग्रेशन प्लान में यह टारगेट सेट किया है कि 2025 और 2026 तक हर साल 5,00,000 लोगों को परमानेंट रेसिडेंट बनाया जाएगा। इनमें से 60% लोगों के नौकरी या बिजनेस के जरिए कनाडा आने की उम्मीद है।

हालांकि मार्क मिलर ने संकेत दिया है कि सरकार इसमें कुछ बदलाव कर सकती है। ये बदलाव इसलिए होगा, क्योंकि कनाडा में लोगों को घरों की कमी, हेल्थकेयर पर दबाव और इमिग्रेशन को लेकर बदलती विचारधारा का सामना करना पड़ रहा है।




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