डेली संवाद, जालंधर/चंडीगढ़। Municipal Corporation Election in Punjab: पंजाब में नगर निगम (Municipal Corporation) के चुनाव के लिए 15 दिन के अंदर नोटिफिकेशन जारी करने वाले हाईकोर्ट के आदेश के बाद इलैक्शन लड़ने वाले चाहवान कंफ्यूज्ड हो गए हैं। दरअसल, ये चुनाव किस वार्डबंदी (Wardbandi) के आधार पर किया जाएगा, इसे लेकर कनफ्यूजन हो गई है। तो आईए डेली संवाद (Daily Samvad) पर जानते हैं कि किस अधार पर चुनाव होगा।
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हाईकोर्ट में वार्डबंदी के खिलाफ रिट दायर करने वाले एडवोकेट परमिंदर सिंह विज कहते हैं कि पुराने वार्डबंदी के आधार पर ही चुनाव होगा। मसलन, अगर जालंधर नगर निगम (Municipal Corporation Jalandhar) की बात करें तो यहां 85 वार्डों पर चुनाव होगा। नगर निगम जालंधर (Jalandhar) में 80 वार्ड थे, डिलिमिटेशन के बाद 85 वार्ड किए गए। इसके बाद आम आदमी पार्टी की सरकार ने वार्डबंदी में फेरबदल किया, लेकिन वार्ड 85 ही रखे।
वार्डबंदी में कई तकनीकी गलतियां
कांग्रेस के जिला प्रधान और पूर्व विधायक राजिंदर बेरी के साथ एडवोकेट परमिंदर सिंह विज ने वार्डबंदी के खिलाफ कोर्ट में रिट दायर की, जिसमें कहा गया कि वार्डबंदी में कई तकनीकी गलतियां हैं, जिससे कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई। इस दौरान नगर कौंसिल और नगर पंचायत के चुनाव को भी होल्ड कर दिया गया। जिससे मामले में अलग अलग जिलों के लोगों ने कोर्ट में रिट लगा दी।
हाईकोर्ट में कहा गया कि पंजाब सरकार जानबूझकर चुनाव में देरी कर रही है, जिससे लोकतांत्रित अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के बैंच ने 15 दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी करने के आदेश दिए हैं।
जालंधर में 85 वार्डों पर चुनाव होगा
एडवोकेट परमिंदर सिंह विज कहते हैं कि जालंधर में 85 वार्डों पर चुनाव होगा। यह चुनाव पहले वाली वार्डबंदी लिस्ट के आधार पर होगा। जिससे लोगों को कन्फ्यूज्ड़ नहीं होना चाहिए। 80 वार्ड को बढ़ाकर 85 वार्ड करने वाली वार्डबंदी के आधार पर जालंधर में चुनाव होगा।
इसके साथ ही यही फार्मूला अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा समेत अन्य नगर निगमों में लागू होगा। एडवोकेट परमिंदर सिंह विज कहते हैं कि नगर निगम चुनाव को लेकर हाईकोर्ट ने पिछले दिनों फैसला सुनाया था, इस फैसले की कापी आज अपलोड की गई।
नगर निगम चुनाव आगे भी टल सकता
वहीं, एडवोकेट परमिंदर सिंह विज इस बात से भी इंकार नहीं करते हैं कि नगर निगम चुनाव आगे भी टल सकता है। क्योंकि फगवाड़ा नगर निगम चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है। चूंकि पंजाब के सभी नगर निगम के चुनाव एक साथ करवाने की बात हो रही है, जिससे पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट में आगे का समय मांग सकती है।
एडवोकेट विज के मुताबिक सरकार के पास दो रास्ते हैं, या तो 15 दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी कर पुराने वार्डबंदी के हिसाब से चुनाव करवाए, या फिर सुप्रीम कोर्ट में एक साथ चुनाव करवाने को लेकर मोहलत मांगे। जिससे नगर निगम का चुनाव कई महीने तक आगे जा सकता है।