डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: नीति आयोग की उच्च स्तरीय टीम के समक्ष राज्य में औद्योगिक विकास की मजबूती को प्रस्तुत करते हुए, पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) ने बुधवार को कहा कि राज्य में उद्योगों के विकास के लिए पड़ोसी पहाड़ी राज्यों के बराबर रियायतें दी जानी चाहिए।
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एमएसएमई आधारित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के दौरान उद्योगों को पंजाब के विकास की धुरी बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के उद्योगपतियों को भी पहाड़ी राज्यों के बराबर सब्सिडियां और रियायतें देना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि पंजाब को सीमावर्ती राज्य होने के कारण पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर व्यापार में आसानी की सुविधा दी जानी चाहिए।
राज्य औद्योगिक विकास में पिछड़ गया
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इससे राज्य के व्यापक औद्योगिक विकास को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों को मिल रही रियायतों के कारण राज्य औद्योगिक विकास में पिछड़ गया है। एमएसएमई को राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और एमएसएमई को राज्य के विकास में तेजी लाने के लिए एकजुट होकर एक टीम के रूप में काम करना होगा।
सरकार की पहल का लाभ उठाएं
उन्होंने उद्योगपतियों को आह्वान किया कि वे विश्व स्तर पर प्रतियोगी बने और विश्व भर में चमकने के लिए पंजाब सरकार की पहल का लाभ उठाएं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) अर्थव्यवस्था की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), कुल वैल्यू एडेड (जीवीए), रोजगार सृजन और निर्यात के लिए महत्वपूर्ण हैं।
देश की सीमाओं की रक्षा करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एमएसएमई एक मजबूत शक्ति के रूप में उभरे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पारंपरिक शिल्पकारों से लेकर नवीन स्टार्टअप तक, एमएसएमई कम पूंजी में रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने और स्थायी आर्थिक विकास, समृद्धि और गरीबी उन्मूलन की संभावना रखते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब हमेशा से हर क्षेत्र में अग्रणी रहा है, चाहे वह राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम हो, देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाना हो या देश की सीमाओं की रक्षा करना हो।
पाकिस्तान के साथ 532 किलोमीटर लंबी सीमा साझा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब की पाकिस्तान के साथ 532 किलोमीटर लंबी सीमा साझा है, इसलिए इसे देश की पहली सुरक्षा रेखा भी कहा जाता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाबी अब विश्वभर में मौजूद हैं और उन्होंने हर जगह अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि अवसर मिलने पर मेहनती, ईमानदार और ऊर्जावान पंजाबी उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब हमेशा अवसरों और उद्यमों की भूमि रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब का भौगोलिक क्षेत्र देश का केवल 1.5 प्रतिशत हिस्सा है, लेकिन इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 2.5 प्रतिशत और भारत के कुल निर्यात में 1.6 प्रतिशत का योगदान है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक पंजाब आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक रहा है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 2 लाख एमएसएमई की मजबूत नींव है, जो रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करने में अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब गेहूं और चावल का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, मशीनों, हस्तकला उपकरणों और साइकिल के पुर्जों का सबसे बड़ा उत्पादक है और बागवानी फसलों जैसे गाजर, खरबूजा और शहद का प्रमुख उत्पादक है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह गर्व और संतोष की बात है कि राज्य भारत के 95 प्रतिशत ऊनी वस्त्र, भारत के 85 प्रतिशत सिलाई मशीन उत्पादन और भारत के खेल के सामान के 75 प्रतिशत उत्पादन का स्त्रोत है।