डेली संवाद, जालंधर। GST Bogus Billing Scam: पंजाब (Punjab) के पांच शहरों में जीएसटी (GST) की धुंआधार चोरी हो रही है। जीएसटी (GST) चोरी का यह खेल पासर छिंदा, साबा और सरंपच की मदद से चल रहा है। यही नहीं, इन पासरों ने जालंधर (Jalandhar), अमृतसर (Amritsar), बटाला, लुधियाना (Ludhiana), मंडी गोबिंदगढ़ समेत कुछ शहरों में दफ्तर भी खोल रखा है। पासर दफ्तर में बैठते हैं, जबकि इनके कारिंदे जीपीएस (GPS) की तरह रोड पर होते हैं।
यह भी पढ़ें: कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो का सनसनीखेज खुलासा, बोले- भारत के खिलाफ झूठ बोला
ताजा मामला जालंधर (Jalandhar) का आया है। यहां 120 फुटी रोड, होशियारपुर रोड, नए बने इंडस्ट्रिय़ल एस्टेट और बस्तियात इलाके से पासरों की मदद से रोजाना स्क्रैप और लोहे की कई गाड़ियां बिना बिल के ही मंडी गोबिंदगढ़ (Mandi Gobindgarh) व दूसरे राज्यों में भेजी जाती है। डेली संवाद (Daily Samvad) ने पहले भी इन पासरों के नाम का खुलासा किया था। लेकिन अभी तक इनके खिलाफ विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
अफसरों पर निगाह रखता है बलकारी
सूत्र बता रहे हैं कि पासर छिंदा ने जालंधर में दफ्तर खोल लिया है। इस दफ्तर में छिंदा का कारिंदा बलकारी बैठता है। यह बलकारी किसी जीपीएस से कम नहीं है। जिस तरह से जीपीएस एक ट्रैकर डिवाइस है, उसी तरह से बलकारी रात के अंधेरे में सड़क पर जीपीएस का काम करता है।
पासर छिंदा का कारिंदा बलकारी जालंधर-लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ रूट पर होता है। बलकारी फोन पर कोड वर्ड में पासर छिंदा और स्क्रैप कारोबारी को पल-पल की जानकारी देता है। मसलन, किस जगह किस रूट पर जीएसटी के अफसर या पुलिस का नाका है। बलकारी के फोन के बाद ही जालंधर से बिना बिल वाली स्क्रैप वाली गाड़ियां रवाना होती हैं।
पासर साबा और सरपंच के पास भी कारिंदों की फौज
सूत्र बताते हैं कि बलकारी की तरह कई कारिंदे जीपीएस का काम करते हैं। पासर छिंदा के पास ऐसे कई कारिंदे काम करते हैं, जो अफसरों की जासूसी करते हैं। यही नहीं, दूसरे पासर साबा और सरपंच के पास भी ऐसे कारिंदों की फौज है। जो जीएसटी और पुलिस के नाके का लाइव मूवमेंट अपनी गाड़ियों के ड्राइवर को बताते हैं, जिससे बिना बिल के स्क्रैप वाली गाड़ियां आसानी से पास करवाई जा सके।
इस खेल में करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी रोज की जाती है। सूत्र बता रहे हैं कि इस काम में जीएसटी विभाग के कुछ अफसर, अफसरों के ड्राइवर और सेवादार की भी मिलीभगत है। जिससे पासरों और उनके कारिंदे असानी से अफसरों का लोकेशन हासिल करते हैं और टैक्स चोरी करते हैं।