डेली संवाद, फिरोजपुर (सुनील प्रभाकर)। Punjab News: भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य डा. राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने राज्य के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया के आगे किसानों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया है। राणा ने कहा कि फिरोजपुर सीमावर्ती जिला होने के कारण यहां पर हजारों किसानों की भूमि अंर्तराष्ट्रीय हिन्द-पाक सीमा के पार है। सुरक्षा के कारण किसानों को अपनी भूमि में जाने और खेती करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए
राणा ने गवर्नर से कहा कि वह निजी दिलचस्पी लेते हुए केन्द्र से किसानों को उनकी भूमि का मालिकाना हक दिलवाए ताकि किसान बिना किसी रोकटोक के अपनी खेती कर सके। राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा कि बाढ़ के समय में गांवो की जो सडक़े व पुल टूट गए थे, उसके निर्माण की तरफ सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाए गए है। उनका जल्द निर्माण होना चाहिए ताकि ग्रामीणों को समस्याओ का सामना ना करना पड़े।
रजिस्ट्रियां भी काफी समय से बंद
राणा ने कहा कि कैंटोनमेंट एरिया के करीब 60 हजार से अधिक लोग आजादी के बावजूद भी जीजीओ 1836 के ब्रिटिश शासन में बने कानूनो के दंश को झेल रहे है। ये लोग ना तो अपनी भूमि के मालिक है और यहां पर रजिस्ट्रीया भी काफी समय से बंद है। राणा ने कहा कि यहां कैंटोनमेंट को भंग करके सिविल क्षेत्र को बढ़ाकर इसे सिटी एरिया में मिलाया जाए ताकि यहां पर लोगों को ब्रिटिश नियम ना झेलने पड़े।
हादसों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके
सोढ़ी ने फिरोजपुर-फाजिल्का रोड़ के चौमार्गीय करने का मुद्दा भी राज्यपाल के आगे प्रमुखता से उठाया है। उन्होंने कहा कि इसी रोड़ के माध्यम से गुजरात, हरियाणा, राजस्थान सहित अन्य राज्यो से वाहन आते-जाते है। रोड़ चौड़ी कम होने के कारण यहां हादसों में काफी वृद्धि होती है। सरकार को चाहिए कि इस रोड़ को फोर लाइन किया जाए ताकि वाहन चालको को मुश्किलो का सामना ना करना पड़े और हादसों की बढ़ती संख्या को रोका जा सके।
सीमावर्ती जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने की मांग को रखते हुए उन्होंने हरिके को पूर्ण रूप से टूरिज्म में प्रमोट करने की बात भी राज्यपाल से की है। राणा सोढ़ी ने कहा कि फिरोजपुर ऐतिहासिक जिला है। यहां पर शहीद-ए-आजम भगत ङ्क्षसह व उनके क्रांतिकारियो की समाधि के अलावा एंगलो सिख वार, फिरोजपुर फोर्ट, सारागढ़ी मैमोरियल सहित अन्य ऐतिहासिक स्थल है। उन्होंने कहा कि हरिके पत्तन में हर साल लाखों की संख्या में विदेशी पक्षी आते है।