डेली संवाद, लुधियाना। Punjab News: पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी (Gurpreet Gogi) की मौत के बाद 14 जनवरी को होने वाली पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह की बैठक कल स्थगित कर दी गई है। नई तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी। गोगी की मौत के बाद आप को मिली 46 सीटों पर फिर ब्रेक लग गया है।
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वहीं, कांग्रेस की ओर से गोगी गुट के पार्षदों को तोड़ने की कवायद भी अंदरखाने शुरू हो गई है। फिलहाल पार्टी ने आप में शामिल हुए अपने 3 पार्षदों को वापस लाने की पूरी तैयारी कर ली है। वार्ड नंबर 1 से निर्दलीय के तौर पर जीती रतनजीत कौर को आम आदमी पार्टी अपने खेमे में लाने में सफल रही है। उनके पति रणधीर सिंह सिबिया लंबे समय से सिमरजीत सिंह बैंस की लोक इंसाफ पार्टी में हैं।
रामपाल को वापस कांग्रेस में लाने की कोशिशें
बैंस अब कांग्रेस में हैं, इसलिए कांग्रेस सिबिया के संपर्क में है। इसी तरह वार्ड नंबर 55 से अमृतवर्षा रामपाल की बात करें तो वे भी कांग्रेस से 4 बार जीत चुकी हैं। इस बार वे 5वीं बार आम आदमी पार्टी से पार्षद बनी हैं। उनके परिवार का गोगी के प्रति अच्छा झुकाव था, जिसके चलते वे आप में शामिल हो गईं। अब कहीं न कहीं कांग्रेस अमृतवर्षा रामपाल को वापस घर लाने की कोशिश करेगी।
वार्ड नंबर 45 से जीतीं परमजीत कौर और वार्ड नंबर 42 से जगमीत नौनी भी आप में शामिल हो गई हैं। कांग्रेस किसी तरह उन्हें वापस घर लाने की कोशिश कर रही है। हालांकि तीनों पार्षदों को वापस लाना आसान नहीं होगा। भाजपा की बात करें तो वह भी वार्ड नंबर 21 से पार्षद अनीता नंचहल को वापस लाने की कोशिश कर रही है।
उपचुनाव को लेकर कांग्रेस भी सक्रिय
विधायक गोगी के निधन के बाद सरकार को अगले 6 महीने के अंदर पश्चिम हलके में फिर से चुनाव करवाने हैं। इसके चलते कांग्रेस एक बार फिर हलके में सक्रिय हो रही है।
सूत्रों के अनुसार पता चला है कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक भी की। एक बार फिर पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु चुनावी मैदान में लोगों के बीच नजर आ सकते हैं।
जोड़-तोड़ से मेयर की कुर्सी तक पहुंची आप
21 दिसंबर को घोषित नगर निगम चुनाव के नतीजों में इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। 95 पार्षदों के सदन में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सिर्फ 41 पार्षद ही जीत पाए, जबकि गोगी की मौत के बाद बहुमत का आंकड़ा 6 विधायकों समेत 51 है।
बहुमत जुटाने के लिए आप ने पहले शिअद और कांग्रेस से एक-एक पार्षद को अपनी पार्टी में शामिल किया, लेकिन दोनों पार्टियों ने उन्हें घर वापसी के लिए मजबूर कर दिया। पिछले सप्ताह आप ने एक भाजपा, दो कांग्रेस और दो निर्दलीय पार्षदों को अपनी पार्टी में शामिल कर बहुमत का आंकड़ा फिर छू लिया। आप के मेयर के चुनाव से पहले गोगी की मौत के कारण अब आप फिर जोड़-तोड़ कर इकट्ठा हुए पार्षदों को रोकने की कोशिश कर रही है।