डेली संवाद, अमृतसर। Punjab News: पंजाब की सियासत में बदलाव हो रहा है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) के घटते ग्राफ से पंजाब (Punjab) में नए दल का उदय हो गया है। डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) की सरपरस्ती में माघ मेले के दौरान पंजाब में शिरोमणि अकाली दल वारिस पंजाब दे का गठन होते हुए कड़ाके की ठंड में गरमाहट आ गई है।
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पंजाब (Punjab) के नए दल के सदस्योें ने श्री अकाल तख्त साहिब में मत्था टेका। सभी सदस्यों ने पार्टी की चढ़दी कला और बंदी सिखों की रिहाई के लिए अरदास की। मीडिया से बातचीत करते हुए अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने बताया कि जल्द ही पार्टी के लिए मैंबरशिप ड्राइव को शुरू किया जाएगा।
विधानसभा चुनाव लड़ेंगे
उनके साथ सांसद सरबजीत सिंह खालसा भी साथ थे। सरबजीत सिंह खालसा ने बताया कि पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेगी। इतना ही नहीं, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनावों में भी अपने उम्मीदवारों को उतारेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की घोषणा के बाद से ही मैेंबरशिप के लिए लगातार फोन आ रहे हैं।
खालसा ने शिरोमणि अकाली दल (बादल) को श्री अकाल तख्त साहिब के हुकम ना मानने वाली पार्टी कहा है। उन्होंने कहा कि अकाली दल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार साहिब की 7 सदस्य कमेटी को मानने के लिए तैयार नहीं है, वे श्री अकाल तख्त साहिब को क्या मानेंगे।
नैतिक अधिकार गवां चुके
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब पर ही कहा गया था कि अकाली दल अब राज्य की अगुआई करने का नैतिक अधिकार गवां चुके हैं। वे तो श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों से भी भाग रहे हैं।
तरसेम सिंह ने बताया कि पहले पार्टी हर जिले में 5-5 सदस्य चुनेगी। ये सदस्य हर जिले में मैंबरशिप ड्राइव को आगे बढ़ाएंगे। इस ड्राइव के बाद जिला स्तर पर 11-11 कार्यकारी गठित होगी। इसके बाद मैंबरशिप में से ही प्रधान व अन्य पदों के लिए नाम चुने जाएंगे।
संविधान बनाने के लिए कमेटी गठित
अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह ने बताया कि श्री अकाल तख्त साहिब पर गुरुओं का आशीर्वाद लेने के लिए यहां पहुंचे थे। पार्टी का संविधान बनाने के लिए 7 सदस्य कमेटी गठित की गई है। यही सदस्य पार्टी का संविधान तैयार करेंगे। संविधान तैयार करने के लिए लोगों से बातचीत की जाएगी और उनकी राय ली जाएगी।
अमृतपाल की पार्टी जल्द ही मैंबरशिप ड्राइव शुरू करने वाली है। अकाली दल (बादल) भी मैंबरशिप ड्राइव को शुरू करने वाले हैं। पार्टी की अंतरकलह का फायदा सीधे तौर पर अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे को मिलेगा। जितना भी वारिस पंजाब दे की पार्टी में मैंबरशिप ड्राइव का आंकड़ा बढ़ता है, उतना नुकसान अकाली दल (बादल) को उठाना पड़ सकता है।
आम आदमी पार्टी को भी नुकसान
पंजाब में साल 2027 में विधानसभा चुनाव है। अभी राज्य में आम आदमी पार्टी की सत्ता है। अकाली दल वारिस पंजाब दे सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। क्योेंकि पंजाब की सत्ता में आम आदमी पार्टी को लाने में जिन सिखों ने अहम भूमिका निभाई है, वह अब ज्यादातर अमृतपाल सिंह की नई पार्टी से जड़ रहे हैं। ऐसे में पंजाब में अकाली दल के साथ साथ आम आदमी पार्टी को भी नुकसान हो सकता है।
सियासी गलियारे में तो अभी से यह चर्चा है कि अमृतपाल सिंह के अकाली दल वारिस पंजाब दे को भाजपा प्रमोट कर रही है। चूंकि अकाली दल वारिस पंजाबे दे अकाली दल बादल औऱ आम आदमी पार्टी का जितना नुकसान करेगी, भाजपा को उतना ही फायदा होगा। फिलहाल इस सबके बीच कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।