Punjab News: पंजाब के खनन मंत्री ने खनन मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में की शिरकत

Mansi Jaiswal
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डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब के खनन मंत्री श्री बरिंदर गोयल (Barinder Kumar Goyal) ने ओडिशा (Odisha) के कोणार्क में आयोजित खनन मंत्रियों के तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया। इस सम्मेलन में केंद्रीय खनन मंत्री, 11 राज्यों के प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने खनन के प्रति पंजाब के विशिष्ट दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अन्य राज्यों के विपरीत, जहां खनन गतिविधियां भूमि की निचली सतह पर की जाती हैं, पंजाब में ये गतिविधियां ऊपरी सतह पर ही सीमित हैं।

देश को खाद्यान्न प्रदान किया

मंत्री ने जोर देकर कहा कि पंजाब अपने प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर रहा है। जिस तरह राज्य ने वर्षों से जिम्मेदारीपूर्वक अपनी कृषि गतिविधियों का विस्तार करते हुए पूरे देश को खाद्यान्न प्रदान किया है, उसी तरह खनन क्षेत्र में भी प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रयोग किया जा रहा है।

उन्होंने पंजाब में पारदर्शिता लाने के प्रयासों पर जोर दिया, जिससे आम नागरिकों को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सके और स्थानीय मजदूरों एवं युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।

पूर्व स्वीकृति अनिवार्य की

सम्मेलन के दौरान श्री गोयल ने रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी निर्देशों पर चिंता व्यक्त की, जिनके तहत सीमा से 20 किलोमीटर के दायरे में खनन गतिविधियों के लिए पूर्व स्वीकृति अनिवार्य की गई है। उन्होंने इस निर्णय को पक्षपातपूर्ण करार देते हुए कहा कि पंजाब राज्य में बहने वाली रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में से दो नदियां इस फैसले से प्रभावित होती हैं, जिसकी त्वरित समीक्षा आवश्यक है।

मंत्री ने खनन स्थलों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृतियों में हो रही देरी का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि यदि कोई ठेकेदार खनन गतिविधि को जारी रखने में विफल रहता है या कोई गड़बड़ी करता है, तो सरकार को पर्यावरणीय स्वीकृतियों पर निर्णय लेने के लिए अधिक अधिकार दिए जाने चाहिए। इससे पर्यावरणीय मंजूरियों में अनावश्यक देरी को रोका जा सकेगा।

राज्य को सहयोग प्रदान किया जाए

इसके अतिरिक्त, मंत्री ने केंद्रीय खनन मंत्री से अपील की कि राजस्थान सीमा से सटे पंजाब के कुछ हिस्सों में पाए गए पोटाश के विशाल भंडारों के दोहन के लिए राज्य को सहयोग प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे पोटाश के आयात पर होने वाले विदेशी मुद्रा व्यय में कमी आएगी।

श्री गोयल ने टिकाऊ खनन प्रथाओं के प्रति पंजाब की प्रतिबद्धता को दोहराया और राज्य के खनन क्षेत्र के विस्तार के लिए केंद्र सरकार से अधिक सहयोग की मांग की।




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