डेली संवाद, लुधियाना/जालंधर/अमृतसर। GST Scam in Punjab: पंजाब में बड़े स्तर पर चल रहे जीएसटी फर्जी बिल (GST Bogus Billing) का भंडाफोड़ हुआ है। करीब 79.40 करोड़ रुपए के जीएसटी की फर्जी बिलिंग का पर्दाफाश खुद जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI), लुधियाना जोनल यूनिट ने किया है। इसका मास्टर माइंड जालंधर में K नाम का एक ट्रांसपोर्टर बताया जा रहा है, जो J नाम से ट्रांसपोर्ट कंपनी चला रहा है।
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जानकारी के मुताबिक ने जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI), लुधियाना जोनल यूनिट ने अमृतसर (Amritsar) में 79.40 करोड़ रुपए के फर्जी बिलिंग घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस धोखाधड़ी से सरकार को 12.1 करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान हुआ। जालंधर में K नाम का ट्रांसपोर्टर J नाम का ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाकर करोड़ों रुपए का फर्जी बिल काट रहा है। इसकी फिर से शिकायत हुई है। पहले भी इसके यहां छापा पड़ चुका है।
गैंग बनाकर टैक्स चोरी
आपको बता दें कि, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय की टीम ने तीन प्रमुख आरोपियों- राजिंदर सिंह, मनमोहन सिंह और राजिंदर पाल सिंह को 28 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, और उन्हें लुधियाना के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
लुधियाना और अमृतसर के अधिकारियों की 30 सदस्यीय टीम ने 9 जनवरी को 12 व्यवसायिक और आवासीय परिसरों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए, जिससे साबित होता है कि GST रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके कई फर्मों को फर्जी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्टर्ड कराया गया था।
22 फर्मों के जीएसटी रद्द
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी तो 20 जनवरी को एक और छापेमारी की गई, जहां 40 अधिकारियों ने अमृतसर में 16 परिसरों की तलाशी ली। कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने 22 धोखाधड़ी करने वाली फर्मों के जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिए और फर्जी बिलिंग के माध्यम से प्राप्त किए गए 97 लाख रुपए के फर्जी क्रेडिट को रोक दिया।
ऐसे किया घोटाला
अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपी इस धोखाधड़ी मॉड्यूल के पीछे के मास्टरमाइंड थे। उन्होंने कई फर्जी व्यवसायिक फर्म बनाईं और उन्हें जीएसटी के तहत पंजीकृत कराया। उन्होंने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और राजस्थान के आपूर्तिकर्ताओं से फर्जी बिल खरीदे।
वे गुरुग्राम और दिल्ली के दलालों की ओर से बीमा पॉलिसियां बेचते हुए बीमा पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति (POSP) के रूप में काम करते थे। बीमा कमीशन पर जीएसटी से बचने के लिए, उन्होंने फर्जी लेनदेन और फर्जी बिलिंग की। अब तक, फर्जी बिलिंग ऑपरेशनों ने 79.4 करोड़ रुपए जमा किए, जिससे 12.1 करोड़ रुपए की अनुमानित जीएसटी चोरी हुई।
डीजीजीआई की कार्रवाई
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी धोखाधड़ी और चोरी से निपटने वाली एक प्रमुख सरकारी एजेंसी डीजीजीआई पूरे पंजाब में फर्जी बिलिंग नेटवर्क को सक्रिय रूप से खत्म कर रही है। हाल के महीनों में, डीजीजीआई ने लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़ और अमृतसर में 1500 करोड़ रुपए से अधिक की फर्जी बिलिंग का पता लगाया है और नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि फर्जी बिलिंग न केवल सरकार को धोखा देती है, बल्कि अनुचित बाजार बनाकर ईमानदार व्यवसायों को भी नुकसान पहुंचाती है। एजेंसी जनता से धोखाधड़ी को रोकने में मदद करने के लिए किसी भी संदिग्ध वित्तीय गतिविधि की रिपोर्ट करने का आग्रह कर रही है।
जालंधर के फोकल प्वाइंट में फर्जीवाड़ा
जालंधर में फोकल प्वाइंट में K नाम के एक ट्रांसपोर्टर ने J नाम से ट्रांसपोर्ट खोलकर केंद्रीय और स्टेट जीएसटी को हर महीने करोड़ों रुपए का चूना लगा रहा है। इसके साथ दो और बड़े ट्रांसपोर्टर मिलकर काम करते हैं। K नाम के ट्रांसपोर्टर ने स्टेट जीएसटी के कुछ अधिकारियों को लाखों रुपए महीने रिश्वत देकर बड़ा घोटाला कर रहा है।
डेली संवाद ने पिछले दिनों फोकल प्वाइंट के K नाम के इस ट्रांसपोर्टर का खुलासा किया था। इसके बाद सैंट्रल जीएसटी के कुछ ईमानदार अफसर हरकत में आए हैं। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि K नाम के इस ट्रांसपोर्टर की सैटिंग मोटी है। सैंट्रल और स्टेट जीएसटी के कुछ अफसरों को ये हर महीने लाखों रुपए की रिश्वत खिलाता है।
इन कारोबारियों के साथ K की सैंटिंग
सूत्रों के मुताबिक K नाम के इस ट्रांसपोर्टर का सारा खेल नकोदर के एक बीड़ी सिगरेट बनाने वाले कारोबारी के साथ शुरू हुआ। अब यह ट्रांसपोर्टर डुप्लीकेट बीड़ी सिगरेट एक शहर से दूसरे शहर में भेजता है, वह भी बिना जीएसटी के बिल के। फिलहाल इस K नाम के ट्रांसपोर्टर के घर और दफ्तरों में छापा पड़ा था, केस भी दर्ज हुआ, लेकिन कुछ करप्ट अफसरों को रिश्वत खिलाकर बेदाग हो गया।
K नाम का यह ट्रांसपोर्टर फोकल प्वाइंट में कुछ हैंड टूल्स, स्क्रैप कारोबारी, होशियारपुर रोड, दोआबा चौक, 120 फुटी रोड के कुछ कारोबारियों का रोज अरबों रुपए का माल ढोता है। जिससे हर महीने करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी की जा रही है। सैंट्रल जीएसटी की टीम फोकल प्वाइंट में अगर K नाम के ट्रांसपोर्टर के यहां छापेमारी करे तो सारा भंडाफोड़ हो सकता है।