डेली संवाद, जालंधर/अंबाला/लुधियाना। GST Scam: पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) समेत दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में व्यापक स्तर पर GST घोटाला चल रहा है। नोएडा (Noida) में 15 हजार करोड़ के जीएसटी घोटाला (GST Scam) के बाद हरियाणा में पिछले 500 करोड़ का घोटाला पकड़ा गया। अब एक बार फिर से हरियाणा (Haryana) में 54 करोड़ रुपए जीएसटी घोटाला पकड़ा गया है। इसके तार जालंधर और लुधियाना से जुड़ रहे हैं।
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जानकारी के मुताबिक गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) का एक मामला जहां अभी सुर्खियों में है, वहीं अब दूसरा एक और मामला सामने आया है, जिसमें एक ही परिवार ने 4 फर्में बनाकर 54 करोड़ रुपये का खेल कर दिया। इन में अंबाला कैंट और शहर की भी फर्में शामिल हैं।

301 बोगस फर्मों की जांच
सैंट्रल जीएसटी और स्टेट जीएसटी की टीमों की जांच में अब कुल 301 फर्में भी संदेह के घेरे में आ गई हैं, जिन्होंने उक्त चार फर्मों से कागजों में खरीद फरोख्त कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाया है। जीएसटी की एडिशनल कमिश्नर का दूसरा फैसला भी करीब 522 पेज का है, जिसमें फर्म संचालकों के बयान से लेकर उन पर लगाया गया जुर्माना भी शामिल है।
बैंक खाते सील
जीएसटी घोटाले का भंडाफोड़ के बाद बैंक के खातों को सील कर दिया है, जिसमें करोड़ों रुपया पड़ा है। इन चार फर्मों में सत्यम इंटरप्राइजेज, खुशी इंटरप्राइजेज, शिवा ट्रेडर्स, एमएम ट्रेडर्स शामिल हैं। यह फर्में अंबाला शहर के पतों पर रजिस्टर्ड की गईं थी, जिनके जीएसटी नंबर रद किए जा चुके हैं।

जीएसटी विभाग की प्रारंभिक जांच में सत्यम इंटरप्राजेज के संचालक महिंदर अग्रवाल ने अपना जवाब विभाग को दिया है, जिसमें उन्होंने माना कि फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया है। इस खेल में सिर्फ महिंदर ही नहीं बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्य शामिल हैं, जिनके नाम पर फर्में बनाई गईं थीं।
ऐसे निकाली गई रिकवरी
एमएम ट्रेडर्स के नाम से अंबाला शहर में फर्म बनाई गई, जिसके संचालक सत्यम अग्रवाल हैं। विभाग ने रिकार्ड खंगालने के बाद 11 करोड़ 67 लाख 14 हजार 566 रुपये की रिकवरी निकाली गई। इसी प्रकार खुशी इंटरप्राइजेज की खुशी अग्रवाल की 14 करोड़ 03 लाख 76 हजार 498 रुपये की रिकवरी निकाली गई।
सत्यम इंटरप्राइजेज के संचालक महिंद्र अग्रवाल की 14 करोड़ 63 लाख 54 हजार 914 रुपये और शिवा ट्रेडिंग की संचालक मंजू अग्रवाल की 14 करोड़ 47 लाख 82 हजार 612 रुपये की रिकवरी निकाली गई। कुल 54 करोड़ 82 लाख 28 हजार 610 रुपये चारों फर्मों पर रिकवरी निकाली। इस में से कुछ रिकवरी भी हुई है।

खरीद फरोख्त में घोटाला
जीएसटी विभाग की छानबीन आगे बढ़ी तो संचालकों से भी सवाल जवाब किए गए। इस में महिंद्र अग्रवाल ने माना कि चार फर्मों के माध्यम से यह सारा खेल किया गया है।
यह फर्में मोटर व्हीकल के पुर्जे, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स, सर्जिकल, डेंटल, वेटरनरी साइंस, पेट्रोलियम आयल, आयरन, स्टील टायर ट्यूब में डील करती हैं, लेकिन इससे हटकर फास्ट मूविंग कंज्यूमेबल गुड्स (एफएमसीजी) में खरीद फरोख्त की और आइटीसी हासिल किया। एफएमसीजी में फर्में रजिस्टर्ड ही नहीं हैं।
ITC के खेल में 869 फर्में संदेह के घेरे में
जीएसटी विभाग ने अंबाला जिला में संदेह के घेरे में आई अलग-अलग फर्मों के दो बड़े फैसले दिए हैं। एक फैसले में चार मास्टरमाइंड फर्मों ने खेल कर करोड़ों का आईटीसी हासिल किया, जिन पर अभी सौ प्रतिशत रिवकरी नहीं हुई। इसी तरह का दूसरा फैसला भी सामने आया है, जिसमें 301 फर्मों के नाम सामने आए हैं।
इन सभी फर्मों पर विभाग की ओर से सर्च अभियान और नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया, जिन पर जुर्माना लगाया गया है। इन फर्मों में से कुछ ने तो जुर्माना अदा कर दिया है, जबकि कुछ अपील में चली गई हैं।

जालंधर और लुधियाना से जुड़े तार
जीएसटी विभाग की जांच में पता चला है कि इनके तार जालंधर और लुधियाना के कुछ कारोबारियों और ट्रांसपोर्टर से जुड़े हुए हैं। हरियाणा जीएसटी की टीम लगातार पंजाब जीएसटी टीम से संपर्क बनाए हुए है। क्योंकि जालंधर और लुधियाना व मंडी गोबिंदगढ़ में जीएसटी स्कैम के मास्टर माइंड काम करते हैं।
सूत्रों के मुताबिक जालंधर में कुछ ट्रांसपोर्टर इन कारोबारियों के फर्जी फर्मों के पार्टनर हैं। विभागीय सूत्रों के माने तो जालंधर और लुधियाना में लोहा, तांबा, पीतल और स्क्रैप के साथ तंबाकू प्रोडैक्ट से करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी हो रही है। इसमें इंडस्ट्रियल एस्टेट, फोकल प्वाइंट, होशियारपुर रोड, 120 फुटी रोड, दानामंडी और फगवाड़ा में जीएसटी चोरों का बड़ा अड्डा बताया जा रहा है।


