Punjab News: विजीलैंस टीम की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों रुपए के घोटाले में शामिल दो लोग गिरफ्तार

Daily Samvad
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Vigilance Bureau arrests two accused in multi-crore State Bank scam

डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) ने स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (अब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) की शाखा सुल्तानपुर लोधी, जिला कपूरथला में हुए बहु-करोड़ के घोटाले में नामजद आरोपी सतनाम सिंह और आरोपी सरबजीत सिंह नंबरदार, दोनों निवासी गांव सरूपवाल, तहसील सुल्तानपुर लोधी को गिरफ्तार किया है।

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इस संबंध में जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो (Punjab Vigilance Bureau) के प्रवक्ता ने बताया कि सात साल पहले दर्ज की गई एक विजिलेंस जांच की पड़ताल के आधार पर मामला नंबर 05, दिनांक 09-03-2017 को भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) सहित 13(2) के तहत थाना विजिलेंस ब्यूरो रेंज जालंधर में दर्ज किया गया था।

फर्जी व्यक्तियों के नाम बैंक ऋण

उक्त आरोपियों ने बैंक के शाखा प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों सहित आम व्यक्तियों तथा राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर भ्रष्ट तरीकों से बैंक कर्मचारियों के माध्यम से कोष से ऋण/लिमिट निकालकर गबन किया था। इस संबंध में जांच के दौरान पता चला है कि 30-04-2016 तक की 14 ऋण फाइलों के माध्यम से लगभग 3 करोड़ 71 लाख रुपये का गबन किया गया है।

इस घोटाले के दौरान आरोपियों ने अधूरी रिपोर्टें और गारंटर डीड प्राप्त करके निजी व्यक्तियों एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी जमीनों पर फर्जी व्यक्तियों के नाम बैंक ऋण स्वीकृत करवाए थे। ऋण लेने वालों की जमीन उनकी स्वामित्व में न होने के बावजूद पंजाब सरकार की स्वामित्व वाली जमीन को निजी व्यक्तियों की संपत्ति दिखाकर फर्द, फर्द गिरदावरी और बैनामे के प्रमाणपत्र जारी करवा लिए गए थे।

सतनाम सिंह को ऋण देने की योजना

इस मामले में शामिल सतनाम सिंह सरूपवाला ने कृषि लिमिट लेने के संबंध में फर्द जमाबंदी, फर्द हकीकत, फर्द गिरदावरी, आड़ रहन प्रमाणपत्र स्टेट बैंक ऑफ पटियाला सुल्तानपुर लोधी के प्रबंधक आरोपी सुलिंदर सिंह को दिए, जिसके आधार पर बैंक प्रबंधक ने अन्य आरोपी कर्मचारी सुरिंदर पाल (फील्ड अफसर) और पैनल वकील तारा चंद के साथ मिलीभगत कर अपने निजी स्वार्थ के लिए सतनाम सिंह को ऋण देने की योजना बनाई।

इन आरोपियों ने फर्जी और गलत रिपोर्टें तैयार कीं, जिसके बाद बैंक प्रबंधक ने सतनाम सिंह के साथ मिलीभगत कर 16 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया, जबकि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार गांव लोहियां की उक्त जमाबंदी का रिकॉर्ड से कोई मेल नहीं था क्योंकि संबंधित खेवट-खतोनी और खसरा नंबर माल रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं थे और इस संबंध में कोई आधिकारिक इंद्राज भी नहीं किया गया।

सरूपवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए

इसी तरह, मॉर्टगेज डीड की पुष्टि करवाने पर पाया गया कि बैंक प्रबंधक द्वारा सतनाम सिंह और मॉर्टगेज डीड पर गवाही देने वाले व्यक्तियों के साथ मिलीभगत कर फर्जी नंबर लगाया गया था। इस पर गवाह के रूप में आरोपी सरबजीत सिंह नंबरदार, निवासी सरूपवाल द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

गौरतलब है कि इस विजिलेंस जांच की पड़ताल के आधार पर कुल 33 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिनमें से 28 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 3 आरोपियों को अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो सक्रिय रूप से कार्रवाई कर रहा है।

गिरफ्तार किए गए सतनाम सिंह और सरबजीत सिंह को कल अदालत में पेश कर रिमांड हासिल किया जाएगा ताकि आगे की पूछताछ की जा सके। इस मामले की अगली जांच जारी है।




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