Punjab News: लिव-इन रिलेशन के बढ़ते मामले समाज के लिए चिंताजनक- राज लाली गिल

Daily Samvad
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The increasing cases of live-in relationships are a matter of concern for the society

डेली संवाद, पटियाला/चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन राज लाली गिल (Raj Lali Gill) ने आज पटियाला में कहा कि लिव-इन रिलेशन (Live-in Relationship) के बढ़ते मामले हमारे समाज के लिए चिंताजनक हैं।

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यहां पुलिस लाइन्स में महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई और उन्हें न्याय दिलाने के लिए आयोजित लोक अदालत में राज लाली गिल ने कहा कि युवक-युवतियों और यहां तक कि कई विवाहित पुरुष और महिलाएँ भी लिव-इन रिलेशन की इस बुराई की ओर धकेले जा रहे हैं, जो हमारे समाज को घुन की तरह खा रही है, जिससे बचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार को इस मामले पर कानून में संशोधन करने के लिए लिख रहे हैं।

live-in relationship
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दिए ये निर्देश

चेयरपर्सन राज लाली गिल ने इस लोक अदालत में लगभग 35 मामलों की सुनवाई करते हुए कई मामलों में पुलिस के जांच अधिकारियों को फिर से जांच करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कुछ नए केस भी सुने। उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य महिला आयोग का यह सिद्धांत है कि हर पीड़ित महिला की पूरी सुनवाई हो और उसे समयबद्ध तरीके से तर्कसंगत न्याय प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि कई पीड़ित महिलाएं मोहाली नहीं जा सकतीं, जिसके लिए आयोग द्वारा हर जिले में ऐसी लोक अदालतें लगाई जा रही हैं।

राज लाली गिल ने लोक अदालत के बाद मीडिया के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने के मामलों में महिला आयोग बहुत सख्त है, इसलिए किसी भी आम-खास व्यक्ति को महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह की गंदी शब्दावली का प्रयोग करने से बचना चाहिए।

न्याय दिलाने के उद्देश्य को पूरा कर रहा

जब उनसे आयोग पर राजनीतिक दबाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि आयोग किसी के साथ छेड़छाड़ नहीं होने देता और सभी मामलों में मीडीएशन (मध्यस्थता) की भूमिका निभाते हुए बिना किसी राजनीतिक या अन्य दबाव के पीड़ितों को पारदर्शी तरीके से न्याय दिलाने के उद्देश्य को पूरा कर रहा है।

चेयरपर्सन लाली गिल ने बताया कि उन्होंने मार्च 2024 में पदभार संभालने के बाद से लगभग 2500 मामलों की सुनवाई की है, जिनमें से 70 फ़ीसदी का निपटारा कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आज विवाह संबंधी, संपत्ति संबंधी, NRI विवाह, दहेज, लड़कियों और महिलाओं का शोषण, लिव-इन रिलेशन, घरेलू मारपीट आदि से संबंधित मामले उनके पास पहुंचे थे।

ये रहे मौजूद

राज लाली गिल ने कहा कि वर्तमान समय में छोटी-छोटी बातों को न सहना और सहनशीलता घटने से परिवारों में खींचतान और झगड़े बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वृद्ध आश्रमों का बढ़ना भी हमारे समाज के लिए चिंताजनक है।

चेयरपर्सन के साथ आयोग के डिप्टी डायरेक्टर निखिल अरोड़ा और पी.ए. मोहन कुमार के अलावा लोक अदालत में एस.पी. स्थानीय हरबंत कौर, जिला राजस्व अधिकारी नवदीप सिंह, डी.एस.पी. मनोज गोरसी, एस.आई. गुरजीत कौर, सखी वन स्टॉप की इंचार्ज राजमीत कौर भी मौजूद थे।















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