डेली संवाद, पटना। Bihar News: ज़मीन के बदले नौकरी घोटाले (Land For Job Scam) मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से लालू परिवार को झटका लगा है। इस मामले में CBI की ओर से दाखिल फाइनल चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके बेटा-बेटी समेत सभी आरोपियों को समन भेजा है।
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कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) और बेटी हेमा यादव (Hema Yadav) को 11 मार्च को पेश होने का आदेश दिया गया है। इससे पहले कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में CBI, लालू यादव सहित 78 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें 30 लोक सेवक आरोपी हैं।
केस की अनुमति ले ली
CBI ने बताया था कि, ‘हमने कोर्ट से रेलवे बोर्ड के अधिकारी आर के महाजन के खिलाफ केस की अनुमति ले ली है। उनके खिलाफ गवाहों की लिस्ट भी तैयार है। आगे कोर्ट इस मामले में फैसला लेगा।’
इससे पहले 16 जनवरी को अदालत ने कहा था कि यदि 30 जनवरी तक महाजन के खिलाफ स्वीकृति नहीं मिलती है तो सक्षम अधिकारी को इसका स्पष्टीकरण देना होगा।
जनवरी 2024 में लालू-तेजस्वी से हुई थी पूछताछ
लैंड फॉर जॉब्स मामले में 20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। ED सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद से 50 से ज्यादा सवाल किए गए थे।
उन्होंने ज्यादातर जवाब हां या ना में ही दिए थे। पूछताछ के दौरान कई बार लालू झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी से 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ चली थी।
जानिए लैंड फॉर जॉब डील का पूरा खेल
डील 1- CBI ने शुरुआती जांच में पाया कि 6 फरवरी 2008 को पटना के किशुन देव राय ने अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन सिर्फ 3.75 लाख रुपए में राबड़ी देवी को बेच दी। साथ ही इसी साल परिवार के 3 मेंबर्स राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मध्य रेलवे मुंबई में ग्रुप डी के पद पर नौकरी मिल गई।
डील 2- फरवरी 2008 में पटना के महुआबाग के संजय राय ने भी सिर्फ 3.75 लाख रुपए में 3,375 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी को बेच दी। CBI ने अपनी जांच में पाया कि संजय राय के अलावा परिवार के 2 अन्य मेंबर्स को रेलवे में नौकरी मिल गई।
डील 3- पटना की रहने वाली किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई।
डील 4- फरवरी 2007 में पटना निवासी हजारी राय ने अपनी 9,527 स्क्वायर फीट जमीन दिल्ली की कंपनी एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10.83 लाख रुपए में बेच दी। बाद में हजारी राय के 2 भतीजे दिलचंद कुमार और प्रेम चंद कुमार को वेस्ट-सेंट्रल रेलवे जबलपुर और साउथ-ईस्टर्न रेलवे कोलकाता में नौकरी मिल गई।
CBI ने पाया कि एके इंफोसिस्टम्स के सभी अधिकार और संपत्ति साल 2014 में लालू प्रसाद यादव की बेटी और पत्नी को दे दिए गए थे। राबड़ी देवी ने 2014 में कंपनी के ज्यादातर शेयर खरीद लिए और बाद में कंपनी की डायरेक्टर बन गईं।
डील 5- पटना निवासी लाल बाबू राय ने मई 2015 में मात्र 13 लाख रुपए में अपनी 1,360 वर्ग फीट जमीन राबड़ी देवी के नाम कर दी। CBI ने जांच की तो पता चला कि लाल बाबू राय के बेटे लाल चंद कुमार को 2006 में नॉर्थ-वेस्टर्न रेलवे जयपुर में नौकरी मिली थी।
डील 6- बृज नंदन राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट जमीन गोपालगंज निवासी हृदयानंद चौधरी को 4.21 लाख रुपए में बेच दी। हृदयानंद चौधरी को साल 2005 में ईस्ट-सेंट्रल रेलवे हाजीपुर में नौकरी मिल गई। 2014 में हृदयानंद चौधरी ने गिफ्ट डीड के जरिए इस जमीन को लालू प्रसाद यादव की बेटी हेमा को ट्रांसफर कर दिया।
CBI ने जांच की तो पाया कि हृदयानंद चौधरी और लालू प्रसाद यादव दूर के भी रिश्तेदार नहीं हैं। साथ ही जिस जमीन को गिफ्ट के रूप में दिया गया, उस वक्त सर्कल रेट के अनुसार उसका मूल्य 62 लाख रुपए था।
डील 7- विशुन देव राय ने मार्च 2008 में अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन सीवान निवासी ललन चौधरी को दे दी। ललन के पोते पिंटू कुमार की साल 2008 में वेस्टर्न रेलवे मुंबई में नौकरी लग गई। इसके बाद ललन चौधरी ने फरवरी 2014 में इस जमीन को हेमा यादव को दे दिया।