डेली संवाद, चंडीगढ़/अमृतसर। Punjab News: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पद से ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री दमदमा साहिब से ज्ञानी सुल्तान सिंह को सेवामुक्त करने के बाद अकाली दल में बगावत शुरू हो गया है। अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम मजीठिया (Bikram Majithia) व 6 अन्य नेता इस सेवामुक्ति के फैसले के विरोध में आ गए हैं। वहीं, मोरिंडा से अकाली दल के 24 ओहदेदारों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
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बगावत के बीच अकाली दल के पार्टी प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा है कि पार्टी में अनुशासनहीनता बरदाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिक्रम मजीठिया समेत उन सभी नेताओं को शो-काज नोटिस भेजा जाएगा, जिन्होंने बगावती सुर अपनाया है। उधर, पार्टी के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने मजीठिया को पार्टी व बादल परिवार के पीठ पर छुरा घोंपने वाला करार दे दिया है।
अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं
शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा एसजीपीसी और शिअद के फैसलों के खिलाफ बयानबाजी/वीडियो का कड़ा संज्ञान लिया है। इस मुद्दे पर आज चंडीगढ़ में हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में चर्चा की गई। बैठक में गुलजार सिंह रणिके, जनमेजा सेखों, महेश इंदर ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबड़िया और डॉ. दलजीत चीमा शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी मंच पर सभी को अपने विचार व्यक्त करने की आजादी है, लेकिन किसी को भी पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जा सकती, क्योंकि कोई भी पार्टी से ऊपर नहीं है।
कारण बताओ नोटिस जारी
उन्होंने कहा कि पार्टी विरोधी सभी बयानबाजी और वीडियो को पार्टी की अनुशासन समिति को भेजा जा रहा है और सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। उनके जवाबों पर विचार करने के बाद योग्यता के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जत्थेदारों की सेवामुक्ति के बाद शुरू हुए इस पूरे घटनाक्रम में मजीठिया और बादल परिवार के बीच दूरी दिखने लगी है। जबकि इन दोनों परिवारों के बीच सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, पारिवारिक रिश्ते भी हैं। जिसमें मजीठिया परिवार की बेटी हरसिमरत कौर की शादी प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल से हो रखी है।
बिक्रम मजीठिया ने ये कहा
अकाली दल में ये विरोध बिक्रम मजीठिया के साथ 6 सीनियर नेताओं सरदार शरणजीत सिंह ढिल्लों, लखबीर सिंह लोधीनंगल, सरदार जोध सिंह सामरा, सरबजीत सिंह साबी, रमनदीप सिंह संधू और सिमरजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से जारी प्रेस-नोट के बाद शुरू हुआ।
जिसमें कहा गया- पिछले दिनों हुई घटनाओं को लेकर जो फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने लिया है, उससे संपूर्ण संगत और हमारे मनों को को गहरी ठेस पहुंची है। गुरु साहिब जी ने भी संगतों को भी गुरु का स्थान दिया है, वही संगतों के विचारों को महत्व देते हुए, हम इस फैसले से सहमत नहीं हैं।
बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं
हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि धर्म और धार्मिक मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी गलत परंपराओं को बढ़ावा देने का प्रयास करेगा, उसे सिख मर्यादा के अनुसार जवाब दिया जाएगा। जो लोग सिख परंपराओं और धर्म की रक्षा के लिए खड़े हैं, वे सिख समुदाय के सही मार्ग पर चलने वाले लोग हैं।