डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: नरमा की बुवाई के मौसम की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए, पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने राज्यभर के किसानों के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) द्वारा प्रमाणित कपास के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए ‘सफेद सोना’ कही जाने वाली नरमा की फसल के अधीन क्षेत्र को बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
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पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Gurmeet Singh Khuddian) ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) श्री अनुराग वर्मा और पी.ए.यू. के उप-कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल के साथ अपने कार्यालय में आगामी खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई हेतु विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की।

87 हाइब्रिड बीजों की सिफारिश
बैठक के दौरान, कृषि मंत्री ने बताया कि PAU ने आगामी खरीफ सीजन में प्रदेश में खेती के लिए नरमा के 87 हाइब्रिड बीजों की सिफारिश की है। उन्होंने किसानों से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए केवल प्रमाणित बीजों का उपयोग करने की अपील की।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि गुलाबी सुंडी के हमले से निपटने के लिए, विभाग ने सात दक्षिण-पश्चिम जिलों – बठिंडा (70), फाजिल्का (41), श्री मुक्तसर साहिब (62), मानसा (42), संगरूर (20), बरनाला (16), और फरीदकोट (13) – कुल 264 नोडल अधिकारियों की तैनाती की है। इन अधिकारियों को पिछले सीजन से कपास के खेतों में बची हुई फसल के अवशेषों को नष्ट करने का कार्य सौंपा गया है, क्योंकि ये अवशेष गुलाबी सुंडी के प्रजनन का आधार बनते हैं। मंत्री ने बताया कि अब तक कुल नरमा कपास के फसल अवशेषों का लगभग 32% निपटारा/सफाई की जा चुकी है।

की ये अपील
इसके अतिरिक्त, सफेद मक्खी के प्रबंधन के लिए कपास क्षेत्र में खरपतवारों के नाश हेतु अभियान भी शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत जिला प्रशासन, अन्य विभागों एवं मनरेगा कर्मियों के सहयोग से सड़कों, नहरों के किनारों और खाली पड़ी जगहों पर उगे खरपतवारों को नष्ट किया जा रहा है। पंजाब मंडी बोर्ड के अधिकारियों के सहयोग से जिनिंग फैक्ट्रियों में गुलाबी सुंडी की रोकथाम हेतु गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं और कपास के स्टॉक को फ्यूमीगेशन किया जाएगा।
किसानों के हितों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराते हुए, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किसानों से खेती संबंधी सभी खरीदारी, विशेष रूप से बीज और खाद के उचित रसीद/बिल प्राप्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये रसीदें उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और किसी विवाद या घटिया सामग्री मिलने पर कानूनी सुरक्षा प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं।
ये रहे उपस्थित
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने विभाग के अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण बीज एवं खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने और बीज एवं खाद भंडारों की नियमित जांच करने के निर्देश दिए। इस पहल का उद्देश्य किसानों को संभावित रूप से हानिकारक या अनुपयोगी कृषि लागतों से बचाना है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक ने मंत्री को अवगत कराया कि वे दक्षिण-पश्चिम जिलों में कपास की बुवाई के लिए समय पर नहरी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जल संसाधन विभाग के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। कृषि विभाग ने पहले ही जल संसाधन विभाग को पानी की आवश्यकताओं का शेड्यूल सौंप दिया है। इस बैठक में पी.ए.यू. के अनुसंधान निदेशक डॉ. अजीत सिंह ढट्ट, तकनीकी सलाहकार (पी.डब्ल्यू.आर.डी.ए., चंडीगढ़) राजेश वशिष्ठ और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।






