Sunita Williams Return: नौ महीने बाद पृथ्वी पर अंतरिक्ष यात्रियों की हुई सेफ लैंडिंग, 7 मिनट का ब्लैकआउट; देखें Video

Daily Samvad
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Sunita Williams Earth Return Update

डेली संवाद, नई दिल्ली। Sunita Williams Return: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) 9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। इनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट अमेरिका के निक हेग (Nick Hague) और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव (Aleksandr Gorbunov) भी हैं।

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उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा (Florida) के तट पर लैंड हुआ। ये चारों एस्ट्रोनॉट मंगलवार (18 मार्च) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे। स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था। इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा, यानी यान से संपर्क नहीं रहा।

At about 11:15 a.m., NASA astronauts Anne McClain and Nicole Ayers, Takuya Onishi of Japan and Kirill Peskov of Russia arrived at the space station.
NASA astronauts Anne McClain and Nicole Ayers, Takuya Onishi of Japan and Kirill Peskov of Russia arrived at the space station.

स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में 17 घंटे लगे

ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे। 18 मार्च को सुबह 08:35 बजे स्पेसक्राफ्ट का हैच हुआ, यानी दरवाजा बंद हुआ। 10:35 बजे स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हुआ।

19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ। यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया गया। इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में लैंडिंग।

8 दिन के मिशन पर गए लेकिन 9 महीने फंसे

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग और NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे। इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था।

एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे। लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय का हो गया था।

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क्या है कम्युनिकेशन ब्लैकआउट?

जब भी कोई स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल से प्रवेश करता है तो उसकी रफ्तार लगभग 28000 किमी प्रति घंटे की होती है। इस रफ्तार से जब कैप्सूल गुजरता है तो वायुमंडल से रगड़ खाता है। इसी घर्षण की वजह से कैप्सूल का टेंपरेचर और बढ़ता है, जिससे स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो जाता है। इस दौरान स्पेसक्राफ्ट का मिशन कंट्रोल से सिग्नल टूट जाता है। इस बीच यान का किसी तरह से संपर्क नहीं रहता।

इस चुनौती को भी पार करते हुए स्पेसक्राफ्ट की समंदर में सफल लैंडिंग हुई और एक-एक कर चारों अंतरिक्षयात्रियों को सकुशल बाहर निकाला गया। इस तरह अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों ने धरती की ताजा हवा में एक बार फिर सांस ली।

NASA-Astronauts-Sunita-Williams-and-Butch-Wilmore
NASA-Astronauts-Sunita-Williams-and-Butch-Wilmore

PM मोदी ने क्रू-9 मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों की प्रशंसा

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की पृथ्वी पर वापसी की सराहना की और कहा कि क्रू -9 अंतरिक्ष यात्रियों की उपलब्धि “हमें दिखाती है कि दृढ़ता का सही मतलब क्या है।”

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गुजरात में सुनीता के घर जश्न, मिठाई खिलाई

गुजरात में सुनीता विलियम्स के चचेरे भाई के घर परिवार में खुशी का माहौल है। परिवार के सदस्यों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स के नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे रहने के बाद पृथ्वी पर लौटने के बाद, उनके चचेरे भाई दिनेश रावल ने कहा कि नासा की अंतरिक्ष यात्री दुनिया को बदल देंगी क्योंकि वह कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं।

दिनेश रावल ने एएनआई से कहा, “जब वह लौटीं, तो हम खुशी से झूम उठे… मैं बहुत खुश था… कल तक, मेरे दिल में एक बेचैनी सी भावना थी… भगवान ने हमारी प्रार्थना सुनी और हमारी सुनी को सुरक्षित वापस ले आए… सुनीता कोई साधारण व्यक्ति नहीं हैं… वह दुनिया को बदल देंगी।”














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