डेली संवाद, जालंधर। Punjab News: दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया को एक नई जिम्मेदारी मिली है। दरअसल, पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार इस समय एक्टिव मोड में है। क्योंकि देश में पंजाब ही एक मात्र ऐसा राज्य बचा है जिसमें आम आदमी पार्टी सत्ता में है। ऐसे में आप की बड़ी लीडरशिप अपना पूरा ध्यान पंजाब पर लगा रही है।
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आज यानी शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो ने पंजाब में प्रभारी को सह प्रभारी नियुक्त किया है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को पंजाब में प्रभारी नियुक्त किया गया है। वहीं सह प्रभारी की जिम्मेदारी दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन को दी गई है।

AAP नेता सिसोदिया और जैन को एजेंसियां कर चुकी गिरफ्तार
यह फैसला 16 मार्च को 3 साल पूरे होने के तुरंत बाद लिया गया है। साथ ही अब आम आदमी पार्टी पंजाब में किसी भी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहती है। जिसके चलते आज यानी शुक्रवार को दोनों की नियुक्ति की गई। बता दें कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ दिल्ली के शराब नीति घोटाले के मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए थे। केस में भारतीय एजेंसियां जांच कर रही हैं।
जब कि एक अन्य केस में दिल्ली के पूर्व सेहत मंत्री सत्येंद्र जैन पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाता था। जिसकी अनुमति राष्ट्रपति से ली गई थी। जिसके बाद दोनों नेताओं की गिरफ्तारी हुई और दोनों सजा काटने के बाद जेल से बाहर आए।

शराब नीति घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को मिली था जमानत
बता दें कि सिसोदिया मनीष सिसोदिया शराब घोटाला मामले में जमानत पर हैं। वे 9 अगस्त 2024 को 17 महीने बाद तिहाड़ जेल से बाहर आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े CBI और ED के केस में जमानत दी थी।
सिसोदिया को CBI ने भ्रष्टाचार केस में 26 फरवरी 2023 को और ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च 2023 को गिरफ्तार किया था। सिसोदिया ने 28 फरवरी 2023 को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

राष्ट्रपति मुर्मू ने जैन के खिलाफ केस चलाने की थी अनुमति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने 18 फरवरी को सत्येंद्र जैन के खिलाफ जमीन की खरीद फरोख्त से जुड़े घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस चलाने की परमिशन दी थी। दरअसल, जिस समय यह मामला सत्येंद्र जैन के खिलाफ फ्रेम हुआ था, उस समय वे विधायक थे। इस वजह से उनके खिलाफ केस चलाने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी थी। ED ने आरोप लगाया था कि सत्येंद्र ने 4 फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की।
इनके जरिए आए पैसे का इस्तेमाल 14 फरवरी 2015 से 31 मई, 2017 के बीच कई लोगों के नाम पर संपत्तियां खरीदने में किया गया। जैन के मालिकाना हक वाली कई कंपनियों ने हवाला के जरिए कोलकाता के एंट्री ऑपरेटरों को कैश ट्रांसफर के बदले 4.81 करोड़ रुपए लिए। इसमें CBI ने 2017 में मामला दर्ज किया था। इसके बाद ED ने जांच शुरू की थी।


