डेली संवाद, चडीगढ़। GST New Rule 2025: भारत सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर नियमों में कई बदलाव किए हैं। इसके तहत 1 अप्रैल, 2025 से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम लागू होने जा रहा है।
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इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य राज्यों के बीच कर राजस्व का उचित वितरण सुनिश्चित करना है। इसकी सहायता से राज्य सरकारें एक ही स्थान पर प्रदान की जाने वाली सामान्य सेवाओं पर उचित मात्रा में कर वसूल करेंगी।
आईएसडी पद्धति को लागू करने के लिए, केंद्रीय जीएसटी अधिनियम को 2024 के वित्त अधिनियम के तहत संशोधित किया गया है। यह तंत्र कई राज्यों में संचालित होने वाले व्यवसायों को सुविधा प्रदान करता है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ
यह वह कर है जो व्यवसाय अपनी खरीदारी पर चुकाते हैं। इसे आउटपुट टैक्स से काटा जा सकता है, जिससे व्यवसाय की कुल जीएसटी देनदारी कम हो जाएगी। नए नियमों के तहत ITC का वितरण ठीक से हो इसके लिए ISD सिस्टम का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
क्या हैं नए नियम?
इससे पहले, व्यवसायों के पास अपने अन्य जीएसटी पंजीकरणों के लिए सामान्य आईटीसी आवंटित करने के लिए दो विकल्प थे। इसके दो विकल्प थे, आईएसडी मेथड या क्रॉस-चार्ज मेथड, लेकिन अब 1 अप्रैल 2025 से आईएसडी का उपयोग नहीं करने पर प्राप्तकर्ता स्थान के लिए आईटीसी नहीं दी जाएगी।
जीएसटी प्रणाली
यह बदलाव जीएसटी प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है। आईएसडी प्रणाली न केवल राज्यों के बीच कर राजस्व वितरित करेगी, बल्कि व्यवसायों को अपनी कर देनदारियों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में भी मदद करेगी। इस कदम से कर चोरी रोकने और सिस्टम में पारदर्शिता लाने में काफी मदद मिलेगी।


