डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के वित्त, स्कीम, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज कर विभाग को निर्देश दिए कि धोखाधड़ी रहित मामलों के लिए शुरू की गई जी.एस.टी अमनेस्टी स्कीम में करदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जाए। वित्त मंत्री ने इस स्कीम के लाभों के बारे में योग्य करदाताओं को सूचित करने के लिए पारंपरिक विज्ञापन और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का प्रयोग करके व्यापक जन जागरूकता अभियानों की महत्वता पर जोर दिया।
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पंजाब भवन में कराधान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री ने फील्ड स्टाफ को व्यक्तिगत रूप से करदाताओं तक पहुँचने और आवेदन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए हर संभव सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस कदम का उद्देश्य करदाताओं को जी.एस.टी अमनेस्टी स्कीम के लाभ उठाने के योग्य बनाना और वर्तमान समय में बकाया राजस्व की वसूली को आसान बनाना है, जिससे राज्य को वित्तीय लाभ भी पहुँचेगा।
फॉर्म 30 जून, 2025 तक जमा किए जाने चाहिए
सी.जी.एस.टी अधिनियम के सेक्शन 128ए के अंतर्गत पेश की गई जी.एस.टी अमनेस्टी स्कीम का उद्देश्य धारा 73 के अंतर्गत बने कर पर ब्याज और जुर्माने को माफ करके करदाताओं पर करपालना के बोझ को कम करना है। जी.एस.टी अमनेस्टी स्कीम करदाताओं को वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के कर बकायों का 31 मार्च 2025 तक भुगतान करने की अनुमति देती है। इसके अलावा संबंधित फॉर्म 30 जून, 2025 तक जमा किए जाने चाहिए।
जी.एस.टी. में हुए वृद्धि के बारे में अवगत करवाया
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बिना किसी छूट के स्थापित राजस्व लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित की जाए। बैठक के दौरान कराधान विभाग के अधिकारियों द्वारा वित्त मंत्री को पूरे राजस्व, विशेषकर वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) और वस्तु और सेवा कर (जी.एस.टी.) में हुए वृद्धि के बारे में अवगत करवाया गया।
योगदान देने वालों के रूप में पहचान बनाई
यहां जिक्रयोग्य है कि फ़रवरी 2025 तक वैट प्राप्तियों में 5.74 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्शायी गयी, जबकि जी.एस.टी राजस्व में 13.39 प्रतिशत की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। लुधियाना और अमृतसर की डिवीजनों ने जी.एस.टी प्राप्तियों में औसत से अधिक प्रदर्शन करते हुए राज्य की इस सफलता में मुख्य योगदान देने वालों के रूप में पहचान बनाई है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जी.एस.टी के बकाया बकाए की भी समीक्षा की और अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि मौजूदा बकाए तुरंत वसूल किए जाएं ताकि ये बैकलॉग का हिस्सा न बनें। उन्होंने सख्त लागूकरण उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि करपालना में देरी को रोकते हुए समय पर राजस्व प्राप्तियों को सुनिश्चित किया जा सके।
इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (कराधान) जसप्रीत तलवार, कराधान कमिशनर वरुण रूज़म, अतिरिक्त कमिश्नर, जॉइंट कमिश्नर और कराधान विभाग के डिप्टी कमिश्नरों सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


