Donald Trump: अमेरिका के प्रेसीडैंट डोनाल्ड ट्रंप ने लिया बड़ा फैसला, अप्रवासियों पर पड़ेगा असर

Daily Samvad
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डेली संवाद, अमेरिका। Donald Trump: US Election Rules Change Update – डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) जब से अमेरिका (USA) के प्रेसीडेंट बने हैं, तब से रोज कोई न कोई नया फैसला कर रहे हैं। आए दिन नए ऐलान हो रहे हैं। इससे जहां अमेरिका के लोग सकते में हैं वहीं दूसरे देशों के लिए भी परेशानी खड़ी हो रही है। ऐसे में अमेरिका के प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा फैसला सुना दिया है।

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अमेरिका (USA) के प्रेसीडेंट डोनाल्ड (Donald Trump) ट्रंप चुनावी प्रकिया में बदलाव से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन किया है। इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को वोटर रजिस्ट्रेशन के लिए नागरिकता का प्रमाण देना होगा। ट्रम्प ने यह आदेश चुनाव में धोखाधड़ी रोकने के लिए दिया है।

US Election Rules Change Update
US Election Rules Change Update

अप्रवासियों पर नकेल कसना

ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक इसका मकसद मतदाता सूची में अवैध रूप से शामिल अप्रवासियों पर नकेल कसना है। डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 के चुनाव में अपनी हार के पीछे फर्जी मतदान को वजह बताया था। हालांकि, ट्रम्प के इस आदेश को राज्यों ने कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर ली है।

आदेश में ट्रम्प ने कहा कि भारत और ब्राजील मतदाता पहचान को बायोमेट्रिक डेटाबेस से जोड़ रहे हैं, जबकि नागरिक इसके लिए काफी हद तक सेल्फ अटेस्ट करने पर निर्भर हैं। ट्रम्प ने आदेश पर साइन करते हुए कहा कि ‘चुनावी धोखाधड़ी’। आपने यह शब्द सुना होगा। मैं इसे खत्म करने जा रहा हूं।

Donald Trump President of America
Donald Trump President of America

एग्जीक्यूटिव ऑर्डर वह आदेश होते हैं जो राष्ट्रपति द्वारा एकतरफा जारी किए जाते हैं। ये आदेश कानून की शक्ति रखते हैं। इन्हें कांग्रेस की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होती। कांग्रेस इन्हें पलट नहीं सकती। हालांकि इन्हें अदालत में चुनौती दी जा सकती है। ट्रम्प के चुनावी वादों को पूरा करने के मकसद से इन एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को तैयार किया गया है।

वोटिंग से जुड़े एग्जीक्यूटिव ऑर्डर

  • नागरिकता साबित करने की जरूरत: वोटिंग के लिए नागरिकता का सबूत, जैसे पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस देना जरूरी होगा।
  • राज्यों से सहयोग की अपील: ऑर्डर में राज्यों को सहयोग करने, वोटर लिस्ट को संघीय सरकार के साथ शेयर करने और चुनाव से जुड़े अपराधों की जांच में मदद की अपील की गई है।
  • मेल-इन बैलट की समय सीमा: चुनाव खत्म होने के बाद मिलने वाले मेल-इन बैलट को अवैध माना जाएगा।
  • नियम ना मानने पर फंडिंग में कटौती: ऑर्डर में साफ-साफ कहा गया है कि अगर कोई राज्य इन नए नियमों का पालन नहीं करता, तो उनको दी जाने वाली फंडिंग मदद में कटौती की जा सकती है।
US Election Rules Change Update
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वोटिंग के लिए अलग-अलग नियम

अमेरिका में वोटिंग को लेकर कोई एक जैसे नियम नहीं है। हर राज्य के अपने अलग कानून हैं। टेक्सास, जॉर्जिया और इंडियाना जैसे राज्यों में वोटिंग की प्रक्रिया बेहद सख्त है। यहां पर वोट डालने के लिए फोटो आईडी (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) दिखाना जरूरी है।

वहीं, कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क और इलिनॉय जैसे राज्यों में वोटिंग को लेकर उतने सख्त नहीं हैं। इन राज्यों में नाम और पता बताकर या फिर कोई दस्तावेज जैसे कि बिजली का बिल दिखाकर वोटिंग की जा सकती है। इसके अलावा मिशिगन जैसे राज्यों में वोट डालने के दौरान फोटो आईडी मांगी जाती है। अगर किसी के पास यह नहीं है तो वह एक हलफनामा साइन कर वोट कर सकता है।

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विदेशी नागरिकों के चंदा देने पर रोक

इस कार्यकारी आदेश के तहत अमेरिकी चुनावों में विदेशी नागरिकों द्वारा चंदा देने पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। पिछले कुछ सालों में विदेशी नागरिकों से मिलने वाला चंदा अमेरिकी चुनावों में बड़ा मुद्दा बना है।

इसकी एक बड़ी वजह स्विस अरबपति हैंसयोर्ग वीस भी हैं, जिन्होंने अमेरिका में सैकड़ों मिलियन डॉलर का चंदा दिया है। वीस के समर्थ वाले एक संगठन सिक्सटीन थर्टी फंड ने ओहायो के संविधान में गर्भपात सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 3.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का दान दिया था।

हाल ही में, कंसास ने भी इसी तरह का एक विधेयक पारित किया है, जिसमें विदेशी नागरिकों, कंपनियों, सरकारों या राजनीतिक दलों द्वारा राज्य के संवैधानिक संशोधनों के पक्ष या विरोध में अभियान चलाने के लिए चंदा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है।













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