Punjab News: मीत हेयर ने सभी राज्यों में क्षेत्रीय सहकारी विश्वविद्यालय खोलने के लिए मजबूत तर्क प्रस्तुत किया

Mansi Jaiswal
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MP from Sangrur Gurmeet Singh Meet Hayer

डेली संवाद, चंडीगढ़/नई दिल्ली। Punjab News: अपने तर्कों को तार्किक और रचनात्मक तरीके से पेश करते हुए, संगरूर से आम आदमी पार्टी के सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर (Meet Hayer) ने आज लोकसभा में ‘द त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक, 2025’ का जोरदार विरोध किया। यह विधेयक गुजरात के आनंद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट को राष्ट्रीय महत्व के विश्वविद्यालय में बदलने का प्रस्ताव रखता है।

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सहकारी क्षेत्र को कृषि के साथ-साथ ग्रामीण डेयरी समुदायों की रीढ़ बताते हुए मीत हेयर ने महाराष्ट्र और विशेष रूप से पंजाब के सहकारी क्षेत्र में हुई शानदार प्रगति को उजागर किया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मजबूरियों के चलते किसी एक विशेष स्थान पर विश्व स्तरीय संस्थान को केंद्रित करना लोकतांत्रिक सिद्धांतों के पूरी तरह खिलाफ है।

Gurmeet Singh Meet Hayer
Gurmeet Singh Meet Hayer

स्टेडियम के निर्माण पर खर्च किए

उन्होंने सवाल किया कि क्या पूरे देश को केवल एक राज्य के हितों की बलि चढ़ाकर नजरअंदाज करना सही है? उन्होंने तर्क दिया कि इसके बजाय सभी राज्यों में क्षेत्रीय सहकारी विश्वविद्यालय खोले जाने चाहिए ताकि राष्ट्रीय स्तर पर सहकारी क्षेत्र के तकनीकी और प्रबंधन पहलुओं में प्रशिक्षण को सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जब पंजाब के खेल मंत्री ने खेलो इंडिया खेलों के लिए धनराशि की मांग की थी, तब 1800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिनमें से 1400 करोड़ रुपये केवल गुजरात में एक स्टेडियम के निर्माण पर खर्च किए गए, जबकि बाकी राज्यों को केवल 400 करोड़ रुपये की मामूली राशि में संतोष करना पड़ा।

मजबूत तर्क प्रस्तुत किया

सांसद ने सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने में मिल्कफेड और मार्कफेड द्वारा की गई महत्वपूर्ण प्रगति को उजागर किया। उन्होंने सभी राज्यों के बीच बेहतर समन्वय की वकालत करते हुए एक मजबूत तर्क प्रस्तुत किया, ताकि एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाया जा सके।

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे प्रतिष्ठित संस्थान के लिए देशभर से श्रेष्ठ शिक्षकों और विशेषज्ञों की सेवाएं ली जानी चाहिए और इस संदर्भ में पंजाब की प्रतिभा का विशेष रूप से उल्लेख किया, क्योंकि राज्य के पास राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध विशेषज्ञ उपलब्ध हैं।




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