डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब (Punjab) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलबीर सिद्धू ने विधानसभा में शहीद भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग वाले कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव का विरोध करने पर आम आदमी पार्टी की निंदा करते हुए कहा है कि यह स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी ने शहीद भगत सिंह जी के नाम का इस्तेमाल केवल 2022 में चुनाव जीतने के लिए किया था।
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सिद्धू ने विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां के व्यवहार पर विरोध जताते हुए कहा कि एक राष्ट्रवादी परिवार से संबंधित होने के बावजूद, भगत सिंह को भारत रत्न देने की मांग वाले प्रस्ताव को मंजूरी न देना उनके लिए बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि ऐसा निर्णय लेकर आम आदमी पार्टी ने अपनी अवसरवादिता का परिचय दिया है। उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता तथाकथित क्रांतिकारी हैं जो हर मुद्दे पर दोहरे मापदंड अपनाते हैं।
शहीदों का अपमान किया
कांग्रेस नेता ने कहा कि शहीद भगत सिंह को भारत रत्न देने के प्रस्ताव का विरोध करके आम आदमी पार्टी ने न केवल शहीद भगत सिंह का अपमान किया है, बल्कि देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों का भी अपमान किया है। सिद्धू ने कहा कि कल विधानसभा में सत्ता पक्ष द्वारा विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ लाया गया निंदा प्रस्ताव एक सोची समझी चाल थी, ताकि विपक्ष बजट के खोखलेपन को उजागर न कर सके।
विपक्ष का मजाक उड़ा सकें
उन्होंने कहा कि यह चाल इसलिए भी चली गई ताकि मुख्यमंत्री भगवंत मान खोखला भाषण देकर विपक्ष का मजाक उड़ा सकें और उसे निशाना बना सकें। कांग्रेस नेता ने आप सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह बजट आप सरकार की विफलता का एक और उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के कल्याण के लिए कोई दिशा, कोई योजना और कुछ भी नया नहीं है।
बजट में पंजाब की वास्तविक वित्तीय स्थिति को छुपाया
उन्होंने कहा कि बजट में पंजाब की वास्तविक वित्तीय स्थिति को छुपाया गया है, जो कि देश के सभी राज्यों में सबसे खराब है, केवल एक को छोड़कर। सिद्धू ने कहा कि तीन साल बाद भी भगवंत मान सरकार पंजाबियों से किए गए अपने वादों को पूरा करने में पूरी तरह विफल रही है। पार्टी ने झूठे विज्ञापन छपवाने और झूठे वादे करने के अलावा कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार एक बार फिर हर महिला को 1100 रुपये प्रतिमाह देने का अपना सबसे बड़ा वादा पूरा करने में विफल रही है।