Mahadev App Scam: महादेव सट्टा एप से जुड़े पंजाब समेत 5 राज्यों में नेताओं, ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारियों और कारोबारियों के 60 ठिकानों पर एक साथ ED की छापेमारी

Daily Samvad
4 Min Read
Mahadev-Betting-App

डेली संवाद, नई दिल्ली/जयपुर। Mahadev App Scam: महादेव सट्टा एप (Mahadev Batting App) के संचालकों के खिलाफ एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई हुई है। महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Batting App) मामले में ED की टीम ने बुधवार को जयपुर में ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर छापेमारी की। सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में व्यापारी भरत दाधीच के फ्लैट पर सर्चिंग जारी है। ड्राई-फ्रूट व्यापारी के घर से डॉक्यूमेंट और डिजिटल सबूत मिले हैं।

यह भी पढ़ें: कनाडा सरकार ने एक्सप्रेस एंट्री में किया गया बदलाव, पंजाबियों पर पड़ेगा असर

इसके साथ ही महादेव बेटिंग ऐप (Mahadev Batting App) केस में मध्य प्रदेश के भोपाल, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, दिल्ली, पंजाब (Punjab) और राजस्थान समेत 5 राज्यों के 60 ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। ED को जयपुर से मनी लॉन्ड्रिंग, क्रिप्टो करेंसी और शैल कंपनियों से जुड़े सबूत मिले थे। इसी आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है।

ED
ED

कई बड़े नेताओं के नाम सामने आए

सूत्रों के अनुसार, कई बड़े नेताओं, सीनियर ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के मुख्य संचालकों और अन्य व्यक्तियों के ठिकानों पर रेड डाली गई है। जयपुर के कई बड़े व्यापारी भी ईडी के रडार पर हैं, जिनके खाते महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े पाए गए हैं।

छापेमारी के दौरान कई डॉक्यूमेंट और डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनमें से कुछ में अवैध सट्टा रैकेट में शामिल प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता का पता चलता है। इस छापेमारी अभियान में आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

करोड़ों का लेन-देन

महादेव बुक पिछले कुछ सालों में भारत में सबसे बड़े ऑनलाइन सट्टेबाज प्लेटफॉर्म में से एक बन गया है। यह ऐप और वेबसाइट के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपए का लेन-देन करता है और क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों पर सट्टा लगाता है।

इसका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। इसमें कई प्रभावशाली लोग भी शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी पिछले साल इस घोटाले की जांच की थी और कई करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की थी। महादेव बुक से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ़्तार भी किया था।

जूस बेचने वाले ने खड़ा किया सट्टा रैकेट

छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी रामेश्वर चंद्राकर नगर निगम में पानी के पंप चलाने वाले ऑपरेटर का काम करते हैं। उनके बेटे का नाम सौरभ चंद्राकर है। सौरभ भिलाई में ही ‘जूस फैक्ट्री’ के नाम से एक छोटी सी जूस की दुकान चलाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती रवि उप्पल नाम के इंजीनियर से हो गई। रवि उप्पल एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था।

2017 में रवि और सौरभ ने मिलकर ऑनलाइन सट्टेबाजी के जरिए पैसा कमाने के लिए एक वेबसाइट बनाई। हालांकि, शुरुआत में इस वेबसाइट के कम यूजर्स थे और इससे काफी कम कमाई होती थी। सौरभ की कमाई का मुख्य जरिया जूस की दुकान ही थी।

दुबई से चलता है रैकेट

2019 में नौकरी के लिए सौरभ दुबई चला गया। कुछ समय बाद सौरभ ने रवि को भी दुबई बुलवा लिया। रवि के दुबई पहुंचने से पहले सौरभ ने बेटिंग वेबसाइट के जरिए पैसा कमाने का पूरा प्लान तैयार कर लिया था।

इसके बाद दोनों ने महादेव बुक ऑनलाइन के नाम से एक बेटिंग वेबसाइट और ऐप बनाया। इसे सोशल मीडिया और दूसरे तरीके से प्रमोट करना शुरू कर दिया। सौरभ ने महादेव कंपनी का बिजनेस फैलाने के लिए 2 रास्ते अपनाए। पहला- सोशल मीडिया मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर के जरिए ऐप को प्रमोट करवाया। दूसरा- सट्टा लगाने वाले दूसरे ऐप और वेबसाइट को खरीद लिया।













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *