डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: पंजाब (Punjab) की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ मुहिम से भू-माफिया और नशा तस्करों में खलबली मच गई है। जालंधर (Jalandhar) में नशा तस्करों के अभी तीन मकान ही तोड़े गए, जबकि दर्जनों मकानों पर अभी बुलडोजर चलने बाकी हैं।
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इस दौरान इन नशा तस्करों के संरक्षक सबसे ज्यादा परेशान हो गए हैं। क्योंकि सूत्र बताते हैं कि जेल में बंद नशा तस्करों की ड्रग मनी बाहर बैठे इन्हीं संरक्षणदाताओं द्वारा प्रापर्टी में निवेश किया जाता है। अब जब सरकार नशा तस्करों की अवैध प्रापर्टी के खिलाफ एक्शन ले रही है, तो देश और विदेश में बैठे संरक्षणदाता बिलबिला गए हैं।

काले धंधे में पार्टनर हुआ करते थे
सूत्रों के मुताबिक इन संरक्षणदाताओं में कुछ तो ऐसे हैं, जो पिछले कई साल से इन नशा तस्करों द्वारा चलाए जा रहे दड़े सट्टे. लाटरी और दूसरे काले धंधे में पार्टनर हुआ करते थे। ये संरक्षणदाता अब नशा तस्करों पर हो रही कार्रवाई से बिलबिला कर सोशल मीडिया में अफसरों को बदनाम करने में जुटे हैं।
राज्य की भगवंत मान सरकार ने ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ को व्यापक स्तर पर सफल बनाने के लिए राज्य स्तर पर ईमानदार अधिकारियों की अलग से नियुक्त की है। इसमें हर जिले में अलग से टीम बनाई गई है। जालंधर नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने इसकी जिम्मेदारी तेज तर्रार और ईमानदार अफसर सुखदेव वशिष्ठ को दी गई। इनके साथ बिल्डिंग इंस्पैक्टर अजय कुमार, वरिंदर कौर, मोहित कुमार को टीम में शामिल किया गया।

संरक्षणदाताओं में खलबली मची
सूत्र बताते हैं कि जालंधर में दर्जनों नशा तस्करों को नोटिस भेजा जा चुका है। जिससे देश विदेश में खलबली मची हुई है। आपरेशन डिमोलेशन की शुरूआत भार्गव कैंप, रामामंडी और माडल हाउस में नशा तस्कर के घर को गिराने से हुई है। इन तीन कार्ऱवाईयों से जेल में बैठे नशा तस्करों और जेल से बाहर बैठे संरक्षणदाताओं में खलबली मची हुई है।
सीएम भगवंत मान की इस शानदार मुहिम में अड़चन खड़ी करने के लिए नशा तस्करों ने कार्रवाई करने वाले अफसरों को बदनाम करने की स्ट्रेटजी तैयार की है। जिसमें आने वाले दिनों में इन अफसरों के खिलाफ फर्जी प्रोपेगैंडा भी फैलाया जा सकता है।






