डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: पंजाब में अध्यापकों के लिए जरुरी खबर सामने आ रही है। दरअसल,
अभी तक तो सिर्फ छात्र ही यूनिफॉर्म में नजर आते थे, लेकिन अब चंडीगढ़ ने इतिहास रच दिया है। यह देश का पहला शहर बन गया है जहां सरकारी स्कूलों (Govt School) के शिक्षक भी यूनिफॉर्म में पढ़ाएंगे।
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शहर के सरकारी स्कूलों में शनिवार को एक अनूठी परंपरा शुरू हो चुकी है। अब सभी 115 सरकारी स्कूलों के शिक्षक यूनिफॉर्म पहनकर स्कूल आएंगे। इसके तहत महिला कर्मचारी साड़ी या सलवार कमीज पहनेंगी जबकि पुरुष पैंट और शर्ट पहनेंगे।
यह सम्मान, समानता और व्यावसायिकता का एक नया प्रतीक
धनास के पी. एम. सरकारी मॉडल सीनियर स्कूल से इसकी शुरुआत की गई। ग्रीष्मावकाश के बाद स्कूलों में शिक्षक यूनिफॉर्म में नजर आएंगे। प्रशासक गुलाब चंद कटारिया (Gulab Chand Kataria) द्वारा नई वर्दी लांच की गई। इस अवसर पर प्रशासक ने कहा कि इस ड्रेस कोड का उद्देश्य व्यावसायिकता को बढ़ाना तथा सीखने के लिए अधिक अनुकूल वातावरण बनाना है।
लागू ड्रेस कोड में महिला शिक्षकों के लिए दो विकल्प हैं तथा पुरुष शिक्षकों के लिए केवल एक विकल्प है। साड़ी के अलावा महिला शिक्षक डिजाइन की गई सलवार कमीज भी पहन सकती हैं, जबकि पुरुष शिक्षकों को पैंट और शर्ट पहनना होगा। कटारिया ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस बदलाव से शिक्षकों में सम्मान और एकता की भावना बढ़ेगी। एक समान ड्रेस कोड न केवल समानता को बढ़ावा देता है बल्कि गौरव और व्यावसायिकता की भावना भी पैदा करता है।
ड्रेस कोड लागू करने की समय-सीमा तय
शिक्षा विभाग इस वर्ष ग्रीष्मावकाश के बाद सत्र शुरू होने से पहले सभी सरकारी स्कूलों में इस पहल को लागू करेगा। शिक्षकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर सभी के लिए ड्रेस कोड के अनुसार डिजाइन किए गए कपड़े प्राप्त करेंगे। सभी शिक्षकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी वर्दी पहननी होगी।