डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab & Haryana Water Dispute: पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) के बीच पानी को लेकर विवाद चल रहा है। पंजाब द्वारा हरियाणा को पानी न दिए जाने का मामला केंद्र सरकार के बिजली मंत्रालय तक पहुंच गया है। इस मामले पर अगला निर्णय केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर लेंगे।
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हरियाणा के अतिरिक्त सचिव द्वारा भाखड़ा ब्यास प्रबन्ध बोर्ड के चेयरमैन को पत्र लिखकर भाखड़ा प्रबन्ध बोर्ड अधिनियम, 1974 के उप-नियम 7 के अन्तर्गत मामले को केन्द्र को भेजने के लिए कहा गया। जिसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के सचिव ने केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव हाइड्रो को पत्र लिखकर इस मुद्दे को सुलझाने को कहा है।
हरियाणा की अधिक पानी की मांग पर पंजाब सरकार का स्पष्ट रुख
- हरियाणा ने पंजाब से मांगा 8500 क्यूसेक पानी।
- पंजाब पहले से ही मानवीय आधार पर 4000 क्यूसेक पानी उपलब्ध करा रहा है।
- हरियाणा पहले ही अपने जल का 103% उपयोग कर चुका है।
- पंजाब को केवल 89% हिस्सा मिला – जो सबसे कम था।
- बीएमएल नहर की कुल क्षमता केवल 10,000 क्यूसेक है।
- 8500 क्यूसेक तकनीकी रूप से असंभव है।
- पंजाब के बांधों में जलस्तर सामान्य से कम है।
- पंजाब को खरीफ सीजन के लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत है।
- मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र पर बड़ा आरोप लगाया।
- हरियाणा ने अपने कोटे से तीन प्रतिशत अधिक पानी का उपयोग किया।