डेली संवाद, चंडीगढ़। Punjab News: Punjab Haryana Water Dispute – भाखड़ा नहर के पानी को लेकर पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) में बवाल मचा हुआ है। पंजाब सरकार ने कहा है कि एक भी बूंद ज्यादा पानी हरियाणा को नहीं देंगे। इसके लिए पंजाब की AAP सरकार ने आज चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में 2 घंटे तक ऑल पार्टी मीटिंग की। इसका न्योता पार्टी के अध्यक्षों को दिया गया था, लेकिन सिर्फ BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही पहुंचे। कांग्रेस और अकाली दल ने प्रतिनिधि भेजे। मीटिंग के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जिसमें सभी ने एकजुट होकर कहा कि पंजाब के हिस्से का पानी हरियाणा को नहीं दिया जाएगा।
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पंजाब (Punjab) सरकार की मीटिंग के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी सर्वदलीय बैठक बुला ली है। बैठक कल, 3 मई को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में होगी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। उधर, दिल्ली में भाखड़ा ब्यास बोर्ड मैनेजमेंट (BBMB) के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव से मीटिंग में पानी देने को लेकर सहमति नहीं बनी। मीटिंग में पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। अब हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा-
हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि हम अपने पानी के हक के लिए याचिका दायर करेंगे। संभावना है कि आज याचिका दाखिल कर दी जाए। आगे छुट्टियां है, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द इस पर फैसला हो जाए। वहीं, दिल्ली में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों से मीटिंग हुई।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। साथ ही हरियाणा को पानी की जरूरत को लेकर BBMB के पास तर्क पेश करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने कहा कि यदि हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में वजन हुआ, तो हरियाणा बिना शर्त के जरूरत के मुताबिक पंजाब से उधार पानी ले लेगा और पंजाब को जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना पड़ेगा।
पंजाब CM भगवंत मान की 2 अहम बातें
1. सभी दल साथ, PM से मीटिंग पर सेशन में चर्चा करेंगे- CM भगवंत मान ने कहा कि ऑल पार्टी मीटिंग में सभी दलों ने सरकार का साथ देने की हामी भरी है। वे सभी राजनीति से ऊपर उठकर पंजाब सरकार के फैसले के हक में हैं। ऑल पार्टी मीटिंग में प्रधानमंत्री से मिलने का सुझाव आया है। सोमवार को विधानसभा के स्पेशल सेशन में इस पर चर्चा होगी।
2. फरमान के जरिए हरियाणा को पानी देने को कहा – CM भगवंत मान ने कहा- पंजाब के पानी को एक फरमान के माध्यम से हरियाणा को देने का फैसला लिया गया। अधिकारियों को बदल दिया गया। सोमवार को 12 बजे विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। इसके लिए गवर्नर की मंजूरी मिल गई है। सीएम ने कहा कि प्यार से पंजाबियों से जान ले लो, लेकिन पानी लेने का तरीका उचित नहीं है।
पंजाब BJP अध्यक्ष सुनील जाखड़ की 2 अहम बातें
1. पानी की एक भी बूंद नहीं- पंजाब में BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कहा- हमारे पास एक भी बूंद पानी नहीं है। पहले मानवता के आधार पर हम हरियाणा को 4 हजार क्यूसिक पानी दे रहे हैं, जिस पर किसी भी पार्टी ने सवाल नहीं उठाया। मगर, पंजाबी धक्का बर्दाश्त नहीं करते। मैं और मेरी पार्टी पंजाब के साथ खड़े हैं। आज पड़ोसी मुल्क तो हमें पहले ही बांटने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में इस मामले को निपटाया जाना चाहिए।
2. राई का पहाड़ बनाया, दोनों CM सुलझाएं मामला : सुनील जाखड़ ने कहा- जिस मुद्दे पर मीटिंग बुलाई गई थी, यह मामला राई को पहाड़ बनाने जैसा है। एक साइड BBMB के अफसर बदल दिए। इन्होंने ताले लगा दिए हैं। यह चीज शोभा नहीं देती है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को इस मामले में उचित फैसला लेना चाहिए।
वहीं हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने पंजाब सरकार के रवैये पर कड़ा एतराज जताया है। श्रुति चौधरी ने कहा- दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी तब तक पंजाब सरकार की ओर से पानी नहीं रोका गया। अब जब दिल्ली आम आदमी पार्टी के पास नहीं है, तब ऐसा तमाशा कर रहे हैं।
मंत्री श्रुति चौधरी की 2 अहम बातें…
मान सरकार आम लोगों को परेशान न करे: श्रुति ने कहा- हरियाणा को उसके हक का पानी मिलना चाहिए। हर साल जैसी व्यवस्था थी, अब भी वैसी ही है तो फिर पंजाब सरकार की ओर से ऐसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है। भगवंत मान सरकार को समझना चाहिए कि वे आम लोगों को परेशान ना करें।
पंजाब CM ने पद की गरिमा नहीं रखी: श्रुति चौधरी ने आगे कहा- दिल्ली में केजरीवाल ने जल में जहर मिलाने की बात कही थी, उसी राह पर चलते हुए भगवंत मान ने अपने पद की गरिमा ना रखते हुए पानी रोकने का काम किया। यह पानी पूरी तरह से बीबीएमबी का है। यही पानी हरियाणा से दिल्ली और राजस्थान भी जाता है फिर वापिस पंजाब भी आता है।
हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक
हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया है कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है।
हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं।