Film on Operation Sindoor: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर फिल्म बनाने की दौड़ शुरू, 15 स्टूडियो ने पंजीकरण के लिए किया आवेदन

Mansi Jaiswal
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Competition to make a film on Operation Sindoor

डेली संवाद, नई दिल्ली। Film on Operation Sindoor: बॉलीवुड के कई शीर्ष प्रोडक्शन हाउस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शीर्षक के अधिकारों के लिए होड़ में हैं। दरअसल, 7 मई को इंडियन आर्मी ने पाकिस्तान (Pakistan) के 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर चलाया। अब बॉलीवुड में इस नाम को लेकर होड़ मच गई है। खबरों की मानें तो लगभग 50 फिल्ममेकर्स ने ऑपरेशन सिंदूर टाइटल के रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लीकेशन दिया है। फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) के उपाध्यक्ष बी. एन. तिवारी ने इस बात की पुष्टि की है।

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उपाध्यक्ष बी. एन. तिवारी ने बताया कि जैसे ही ऑपरेशन सिंदूर की खबर आई, दर्जनों फिल्म प्रोड्यूसर्स ने इस नाम को रजिस्टर कराने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि 7 तारीख की सुबह से ही फोन आने लगे थे। इसे लेकर फिल्म बनाने की होड़ मच गई। अभी तक सिर्फ इम्पा (IMPA) में ही 15 से ज्यादा प्रोड्यूसर्स ने इस नाम के लिए आवेदन किया है। बाकी तीन फिल्म संगठनों में भी कई आवेदन गए होंगे। कुल मिलाकर 40-50 लोग इस टाइटल को पाने की दौड़ में हैं।”

Operation Sindoor
Operation Sindoor

टाइटल पाने के लिए कानूनी पहलू क्या है?

टाइटल पाने के नियम को लेकर बी. एन. तिवारी ने बताया कि जब एक ही टाइटल के लिए कई प्रोड्यूसर्स एक साथ आवेदन करते हैं, तो नियम यह कहता है कि सबसे पहले जिसने आवेदन किया है, उसे प्राथमिकता दी जाती है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का टाइटल एक ही को मिलेगा। बाकी लोग उसमें बदलाव कर सकते हैं जैसे कि ‘देश का सिंदूर’, ‘इंसाफ का सिंदूर’, या ‘ऑपरेशन सिंदूर: एक सच्ची कहानी’ वगैरह, लेकिन जो शुद्ध रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ है, वो किसी एक को ही मिलेगा।

दिलचस्प बात यह है कि यह टाइटल खुद प्रधानमंत्री द्वारा दिया था। कई प्रोड्यूसर्स चाहते हैं कि इस टाइटल को ट्रेडमार्क करा लिया जाए ताकि कोई और इसका उपयोग न कर सके। तिवारी ने बताया कि कई लोग इसे अपना प्रोडक्शन हाउस का नाम बनाना चाहते हैं। नाम के साथ जो भावनात्मक जुड़ाव है, उसने इसे और भी स्पेशल बना दिया है।

जब सवाल पूछा गया कि क्या पहले भी ऐसा हुआ है जब एक ही विषय पर इतने प्रोड्यूसर्स एक साथ अप्रोच किया हों तो उन्होंने बताया कि ये पहली बार हुआ है। इस बार का पैमाना बहुत बड़ा है। कोई स्क्रिप्ट लिख रहा है, कोई गाना, कोई वेब सीरीज का विचार बना रहा है और यह सब इसलिए भी है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर वर्ल्ड का सबसे सक्सेसफुल मिलिट्री ऑपरेशन माना जा रहा है।”

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रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी दिया था आवेदन

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के लिए किया ट्रेडमार्क का आवेदन दिया था। हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के लिए किया ट्रेडमार्क का आवेदन वापस ले लिया है। ये आवेदन क्लास 41 के तहत किया गया था। यानी, ट्रेडमार्क मिलने के बाद एंटरटेनमेंट और कल्चरल एक्टिविटीज के लिए इस शब्द का इस्तेमाल केवल रिलायंस ही कर सकता था।

रिलायंस ने कहा- ‘हमारा ऑपरेशन सिंदूर को ट्रेडमार्क करने का कोई इरादा नहीं है, यह एक ऐसा शब्द है जो अब भारतीय वीरता के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा बन चुका है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक यूनिट जियो स्टूडियोज ने अपना ट्रेडमार्क आवेदन वापस ले लिया है जिसे अनजाने में एक जूनियर व्यक्ति द्वारा बिना अनुमति के दायर किया गया था।’

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पाकिस्तानी कलाकारों पर रोक की मांग

बीएन. तिवारी ने इस मौके पर ये भी कहा कि पाकिस्तान से जुड़े किसी भी कलाकार या यूट्यूबर को भारत में कोई मंच नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा स्टैंड साफ है, नेशन फर्स्ट। हमने पहले भी लेटर लिखा था और अब भी प्रकाश राज जैसे लोगों को कह रहे हैं कि जो लोग पाकिस्तान के पक्ष में बोलते हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए वरना हम उनके खिलाफ नॉन-कोऑपरेशन की नीति अपनाएंगे।”




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