डेली संवाद, अमृतसर। Operation Sindoor: पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए भारत की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। ऑपरेश सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान (Pakistan) ने कई बार ड्रोन हमले भी किए, लेकिन इन हमलों का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया और हमलों को एयर डिफेंस सिस्टम से पूरी तरह नाकाम किया था।
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ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान की तरफ से एक दिन पहले एक चैनल को दिए इंटरव्यू के दौरान भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच श्री हरिमंदिर साहिब (गोल्डन टेंपल) में सेना की तरफ से एयर डिफेंस गन लगाए जाने का दावा किया गया है।
बयान को बताया आश्चर्यजनक
हालांकि सैन्य अधिकारी के इस दावे को हरिमंदिर साहिब के अतिरिक्त हेड ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी अमरजीत सिंह ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। उन्होंने इस बयान को आश्चर्यजनक बताया है। ज्ञानी अमरजीत सिंह ने कहा कि भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल का यह दावा कि हेड ग्रंथी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना को श्री हरिमंदिर साहिब में अपनी एयर डिफेंस गन लगाने की अनुमति दी है।
बंदूकें स्थापित करने की मंजूरी नहीं
मूल रूप से गलत है क्योंकि ऐसी कोई अनुमति नहीं दी गई है। इस पवित्र स्थान पर बंदूकें स्थापित करने की ऐसी किसी घटना को मंजूरी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि श्री हरिमंदिर साहिब परिसर की दैनिक रस्में, श्री गुरु रामदास जी का लंगर, श्री अखंड पाठ साहिबान वाले स्थान और अन्य संबंधित गुरु स्थान अनिवार्य हैं, जिनमें किसी को भी किसी भी तरह से बाधा डालने का अधिकार नहीं है।
सिंह साहिब ने कहा कि भारतीय सेना के अधिकारी ने ऐसा बयान क्यों दिया, यह तो वे ही स्पष्ट कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कहना बहुत गलत और आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी के तौर पर वह इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सेना को तोपें लगाने की कोई अनुमति नहीं दी गई थी।