डेली संवाद, जालंधर। Jalandhar News: मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपनी ही पार्टी के विधायक पर कार्रवाई को लेकर महानगर के लोग खुश हैं। पंजाब में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए विधायक रमन अरोड़ा (MLA Raman Arora) से पूछताछ केस की परतें खुलती जा रहीं हैं। नगर निगम के बिल्डिंग ब्रांच के एटीपी सुखदेव वशिष्ठ द्वारा घरों पर लगाए जा रहे फर्जी नोटिसों की कापी विधायक के घर से बरामद हुई है।
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विजिलेंस (Punjab Vigilance Bureau) मान रही है कि उक्त नोटिस रमन अरोड़ा की शह पर ही चिपकाए जा रहे थे।खुलासा हुआ है कि घरों पर बिना नगर निगम के डायरी नंबर के ये नोटिस लगाए जा रहे थे। नोटिस (Notice) की कापी सामने आने के बाद अब मामले ने और तूल पकड़ लिया है, क्योंकि जिन जिन लोगों के घरों दुकानों पर ये नोटिस लगाए गए हैं, अब वह भी शिकायतें करने आगे आ सकते हैं।
पुलिस से फर्जी CBI अधिकारी को भी छुड़ाने का आरोप
सूत्रों के अनुसार जालंधर (Jalandhar) में पुलिस ने आज से करीब दस माह पहले एक फर्जी CBI अधिकारी को गिरफ्तार किया था। फर्जी CBI अधिकारी बनकर घूम रहे युवक को से CBI का फर्जी आई-कार्ड भी बरामद हुआ है। पुलिस की पूछताछ में पता चला था कि उक्त व्यक्ति फर्जी और सीबीआई का आईकार्ड भी फर्जी है।
अब जब विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि विधायक के कहने पर ही ये मामला भी रफा दफा किया गया था। हालांकि इसे लेकर विजिलेंस फिलहाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। हालांकि इस पर भी विजिलेंस की जांच जारी है।
6 घंटों तक घर में चली थी सर्च
शुक्रवार को करीब 6 घंटों तक विजिलेंस की टीम रमन अरोड़ा के घर के अंदर सर्च करती रही। सर्च के दौरान रमन अरोड़ा के समधी राजू मदान और उनके पीए रोहित के घर पर भी रेड की गई है। राजू मदान तो घर पर नहीं मिले, मगर रोहित को विजिलेंस ने अपने हिरासत में ले लिया था। उन्हें भी आज अरोड़ा के साथ ही पेश किया जाएगा।
बता दें कि, विधायक का केस कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए ATP से जुड़ा हुआ है। सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक विधायक पर आरोप है कि जालंधर नगर निगम के जरिए उन्होंने लोगों को नोटिस भिजवाए। फिर रुपए लेकर नोटिसों को रफा-दफा करा दिया। इस मामले में FIR भी दर्ज की जा चुकी है।