War Against Drugs: ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ ने ड्रग माफिया को दिया करारा झटका: 14,734 गिरफ़्तार, 74 करोड़ की जायदादें फ़्रीज

Mansi Jaiswal
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DGP Gaurav Yadav

डेली संवाद, चंडीगढ़। War Against Drugs: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों पर शुरू की गई नशा विरोधी मुहिम ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ के तीन महीनों के दौरान राज्य में नशों की तस्करी नैट्टवर्कों को करारा झटका लगा है। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने आज कहा कि नशों के विरुद्ध निरंतर सख़्त कार्यवाही जारी रखी जायेगी, जिसके अंतर्गत अगले 60 दिनों में नशा तस्करों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए जिलों, ख़ुफ़िया विभाग और ए. एन. टी. एफ. से प्राप्त जानकारी से नशा तस्करों और सपलायरों की नयी सूचियां तैयार की जा रही हैं।

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डीजीपी (DGP Gaurav Yadav) ने कहा, ‘‘ज़मानत पर रिहा हुए व्यक्तियों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जायेगा, हम गाँव के बुज़ुर्गों और गाँव की पंचायतों के सहयोग से उनकी गतिविधियों की निगरानी रखने की एक प्रणाली तैयार की है।’’ उन्होंने कहा कि आदतन अपराधियों की ज़मानत रद्द करने पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा।

सरकार ने जेलों के नवीनीकरण के लिए 500 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी

डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस (Punjab Police) ज़मानत पर रिहा हुए बड़े नशा तस्करों की गतिविधियों पर नज़र रखने और निगरानी करने के लिए जीपीएस ऐनकलेटस के प्रयोग की भी समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि, ‘‘हम समर्थ अदालत की मंजूरी से जीपीएस ऐनकलेटस के द्वारा ज़मानत पर रिहा हुए बड़े तस्करों की गतिविधियों को ट्रैक करने और निगरानी के लिए कानूनी पक्ष से प्रस्ताव की संभावना तलाश कर रहे हैं।’’

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि पंजाब 2019 में सॉफ्टवेयर – पंजाब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम (पीएआईऐस) – तैयार करने वाला देश का पहला राज्य था। इसी तरह, ऐनडीपीऐस एक्ट के अधीन गिरफ़्तार किये गए व्यक्तियों की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए एक एआई- संचालित डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जिसमें हरेक गिरफ़्तारी में दो स्तरों तक अगले- पिछले संबंधों का पता लगाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि भारत- पाक सरहद पर ड्रोन- आधारित नशीले पदार्थों, हथियारों और विस्फोटक सामग्री की तस्करी से निपटने के लिए उन्नत एंटी-ड्रोन प्रणालियों के ट्रायल करने के उपरांत, पंजाब सरकार ने इस उन्नत प्रणाली स्थापित करने सम्बन्धी आर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि यह प्रणालियां ड्रोनों का पता लगाने, पहचान करने और बेअसर करने के लिए तैयार की गई हैं, जिसका उद्देश्य सरहद पार तस्करी नैटवर्क को प्रभावशाली ढंग से नष्ट करना है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने जेलों के नवीनीकरण के लिए 500 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी है जिसके अंतर्गत हरेक जेल में नशा मुक्ति केंद्र होगा जिससे कैदी नशा मुक्ति के इलाज का लाभ ले सकें।

FIR दर्ज

इस मौके पर पंजाब पुलिस हैडक्वाटर में एक प्रैस कान्फ़्रेंस को संबोधन करते हुये डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पंजाब पुलिस ने 1 मार्च, 2025 से 8344 ऐफआईआरज़ दर्ज की हैं और 14,734 नशा तस्करों जिनमें 13,038 नशा तस्कर और 1696 सूचीबद्ध नशा सप्लायर/ वितरक शामिल हैं, को गिरफ़्तार किया है। इस मौके पर उनके साथ एडीजीपी एंटी-नारकोटिकस फोर्स नीलाभ किशोर और आईजीपी हैडक्वाटर डा. सुखचैन सिंह गिल भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि इस मुहिम के सख़्ती से लागू किये जाने के परिणामस्वरूप नशा तस्करों के पास से बड़ी संख्या में नशीले पदार्थ बरामद किये गए हैं जिनमें 586 किलोग्राम हेरोइन, 247 किलोग्राम अफ़ीम, 14 टन भुक्की, 9 किलोग्राम चरस, 253 किलोग्राम गाँजा, 2.5 किलोग्राम आईस, 1.6 किलोग्राम कोकीन, 25.70 लाख नशीली गोलियां/ कैपसूल और 10.76 करोड़ रुपए की ड्रग मनी शामिल है। उन्होंने आगे बताया कि ‘‘युद्ध नशों विरुद्ध’’ मुहिम के दौरान, 144 नशा तस्करों की 74.27 करोड़ रुपए की ग़ैर- कानूनी ढंग के साथ हासिल की जायदादों को फ़रिज किया गया है, जबकि इस मुहिम के अंतर्गत स्थानीय अथॉरिटी की तरफ से नशा तस्करों की 104 ग़ैर- कानूनी तौर पर बनाईं जायदादों को गिरा दिया गया है।

10. 76 करोड़ रुपए की रिकवरी हुई

डीजीपी ने बताया कि पंजाब पुलिस की तरफ से वैज्ञानिक जांच तकनीकों का प्रयोग किया गया है जिसमें डिजिटल सबूत, संग्रह और वित्तीय ट्रेकिंग शामिल है। उन्होंने कहा कि इस समय के दौरान फ़ैसला किये गए 1205 मामलों में से 1085 मामलों में दोष साबित हुए हैं, जिसकी सजा दर 90 फ़ीसद है, जोकि देश में सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा कि ख़ुफ़िया रिपोर्टों और ग़ैर-रस्मिया सर्वेक्षण से पता चलता है कि सख़्ती के साथ लागू करने के नतीजे के तौर पर नशों की स्पलाई को करारा झटका लगा है जिसके नतीजे के तौर पर ज़मीनी स्तर पर हेरोइन की कीमतों में 50 फ़ीसद विस्तार हुआ है और सिंथेटिक नशों की ज़मीनी स्तर पर कीमतों में 40 फ़ीसद विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि लगातार, लक्षित और प्रभावशाली ढंग के साथ की गई घेराबन्दी और तलाशी मुहिम ने बदनाम नशा तस्करों को अपने घर छोड़ कर भागने के लिए मजबूर किया है, जिससे स्थानीय नैटवर्क को लगाम लगी है और उनकी गतिविधियां कम गई हैं।

उन्होंने कहा कि 48 बड़े हवाला संचालकों की गिरफ़्तारी से हवाला नैटवर्क को प्रभावशाली ढंग से नष्ट कर दिया गया है, जिसके नतीजे के तौर पर 10. 76 करोड़ रुपए की रिकवरी हुई है। उन्होंने आगे कहा कि इससे नशा तस्करों के आर्थिक ढांचे और उनके नैटवर्क को करारा झटका लगा है, जिससे उनके फंडिंग चैनल प्रभावशाली ढंग के साथ नष्ट हो गए हैं और उनकी कार्यशीलता कम गई है।

इलाज को प्राथमिकता दी

डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि ‘‘सेफ पंजाब’’ वटसऐप चैटबोट पोर्टल – 9779100200- अहम भूमिका निभा रहा है क्योंकि लोगों की तरफ से इसकी गोपनियता सम्बन्धी विशेषता स्वरूप भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है जो उनको तस्करों, नशा पीड़ितों की रिपोर्ट करने और जानकारी देने के लिए उत्साहित करती है। उन्होंने कहा कि प्राप्त हुई 7635 जानकारियों में से, जांच के उपरांत 1596 एफआईआरज़ दर्ज की गई जिसके नतीजे के तौर पर 1814 मुलजिमों को गिरफ़्तार किया गया है।

यह बताते कि पंजाब पुलिस ने नशा पीड़ितों के साथ हमदर्दी वाला रवैया अपनाया है और अपराधियों की बजाय मरीजों के तौर पर उनके इलाज को प्राथमिकता दी है, उन्होंने कहा कि थोड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 1121 व्यक्तियों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के अंतर्गत नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए भेजा गया। इसके इलावा, पुलिस टीमों से तरफ से 5786 नशा पीड़ितों को इलाज के लिए नशा छुड़ाओ केन्द्रों में भी लेजाया गया है, जबकि 6483 नशा पीड़ितों को पुलिस ने ओओएटी केन्द्रों से इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया है।

अपराधियों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी

इसके इलावा, उन्होंने ऐलान किया कि स्टेशन हाऊस अफ़सर (एसएचओ) ज़मानत से बाहर आए व्यक्तियों तक निजी तौर पर पहुँच करेंगे और उनके साथ सहयोगी ढंग से जुड़ कर स्वै- घोषणा कसम लेंगे कि वह नशों का सेवन या बेचने से परहेज़ करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके इलावा, एसएचओ ज़रूरतमंदों को डाक्टरी सहायता मुहैया करवाएंगे, जबकि आदतन अपराधियों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी।

डीजीपी गौरव यादव ने ‘‘ईच वन एडॉपट वन’’ प्रोग्राम का भी ऐलान किया जिसके अंतर्गत डीजीपी रैंक से लेकर निचले रैंक का हर पुलिस अधिकारी एक नशा पीड़ित को गोद लेगा और उसके नशा छुड़वाने और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अपने आप से शुरू करते हुए, हर अधिकारी -‘‘ईच वन एडॉपट वन’’ प्रोग्राम के अंतर्गत – स्वैच्छा से एक नशा पीड़ित को गोद लेगा और उसके नशा छुड़ाओ इलाज की निगरानी करेगा और उसे प्रेरित करेगा।’’ उन्होंने और लोगों को आगे आने और एक नशा पीड़ित को गोद लेने के लिए उत्साहित किया जिससे उनको मुख्य धारा में वापिस लाने में मदद मिल सके।

DGP Gaurav Yadav Punjab
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डीजीपी ने कि विनती

नशों को ख़त्म करने सम्बन्धी भावी रोकथाम रणनीतियों के बारे बात करते हुये डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि गाँव की पंचायतों को विनती की जा रही है कि वह मीटिंगें करने और अपने गाँव में नशों की स्थिति का मूल्यांकन करें जिससे स्वतंत्र तौर पर पता लगाया जा सके कि उनका गाँव नशा मुक्त है या नहीं।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि गाँव नशों से मुक्त है, तो पंचायत को अपने गाँव को ‘‘नशा मुक्त’’ ऐलानने के लिए विनती की जायेगी और यदि गाँव अभी तक नशों से मुक्त नहीं है, तो पंचायत को मौजूदा स्थिति का मूल्यांकन करने और अपने गाँव को नशा मुक्त बनाने के लिए रणनीति तैयार करने की विनती की जायेगी।’’ नागरिक सेफ पंजाब हेल्पलाइन (9779100200) के द्वारा गुप्त रूप में नशों सम्बन्धी गतिविधियों की रिपोर्ट कर सकते हैं।




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