डेली संवाद, लुधियाना। Kamal Kaur Bhabhi Murder Accused Amritpal Singh Mehron Profile Update – पंजाब के लुधियाना की रहने वाली सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी (Kamal Kaur Bhabhi) की हत्या करने का मुख्य आरोपी अमृतपाल सिंह मेहरों (Amritpal Singh Mehron) के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, अमृतपाल जन्म से मुसलमान है, वो बाद में निहंग बन गया।
अमृतपाल सिंह UAE भागा
उधर, पंजाब (Punjab) पुलिस की माने को अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh Mehron) UAE भाग चुका है। पुलिस उसके लुकआउट नोटिस जारी करा चुकी है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि अमृतपाल सिख नहीं था, वह मुस्लिम परिवार में जन्मा था।
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सिख धर्म से प्रभावित होकर अमृतपाल सिंह मेहरों (Amritpal Singh Mehron) निहंग बन गया। दो साल पहले एक यूट्यूब चैनल को दिए गए इंटरव्यू में अमृतपाल सिंह ने इस बात को कबूल भी किया था। उसने कहा था- मुझे इस बात का दुख है कि सिख मुझे सिख नहीं मानते। जब कोई घटना होती है, तो लोग कहते हैं कि मैं मुसलमान हूं।
चुनाव भी लड़ा
अमृतपाल केवल 12वीं तक पढ़ा था। उसने 2014 में आईटीआई मोगा से डीजल मैकेनिक्स में डिप्लोमा किया था। निहंग बनने के बाद उसने 2022 में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा। हालांकि, उसे केवल 6,363 वोट मिले और उसकी जमानत जब्त हो गई। चुनाव में असफलता के बाद उसने पार्टी से अलग होकर अपना संगठन “कौम दे राखे” बना लिया।
मोगा का रहने वाला था, पिता 4 भाई
एक इंटरव्यू में अमृतपाल ने बताया था कि वह मूल रूप से मोगा का रहने वाला है। उसका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ। उसके दादा के पांच बेटे थे। इनमें से उसके पिता बलजिंदर सिंह ने अमृत ग्रहण किया था और ग्रंथी सिंह की सेवा भी की थी। इसके अलावा उसके पिता के चार भाइयों के नाम फुमण खां, तोता खां, बूटा खां और रूलदू खां है।
मुस्लिम धर्म से बहुत पुराना बताया
परिवार के सवाल पर अमृतपाल ने तर्क दिया था कि मुस्लिम धर्म सिख धर्म से बहुत पुराना है। उसके पैतृक गांव मेहरों में उसके बुजुर्ग बहुत पहले आए थे। उसने कहा- क्या पता वे कौन थे और कहां के रहने वाले थे? किससे उनकी तारें जुड़ती हैं? हमारे घर से किले की दूरी पर जब छठे पातशाह आए थे, तो हमारे घरवालों को पता था कि कोई संत आए हैं। वह प्रसादा लेकर गए थे। उनकी जगह आज भी बनी हुई है।
लोग मुझे सिख नहीं मानते
अमृतपाल ने आगे बताया था कि सिख धर्म से प्रभावित होकर वह निहंग सिंह बन गया। मगर, सिख उसे सिख नहीं मानते। उसने कहा था- “दुश्मन गोली मार दे तो दुख नहीं होगा, लेकिन इस बात से दुख होता है।” सिख समुदाय ने उसे कभी स्वीकार नहीं किया कि वह “सिंह” है। इस बात पर उसने कई बार नाखुशी जताई थी।
अमृतपाल से पूछा गया कि लोग उसे मुस्लिम क्यों मानते हैं? इस पर उसने जवाब दिया, “अगर गहराई से सोचें, तो जात-पात में नहीं आना चाहिए। यह कोई मायने नहीं रखता। न मैं हिंदू हूं, न ईसाई और न ही मुस्लिम। मैं 10वें पातशाह की फौज का सिंह हूं।”