Aaj ka Panchang: आज से जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत, पढ़ें आज का पंचांग

Mansi Jaiswal
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Aaj Ka Panchang

डेली संवाद, जालंधर। Aaj ka Panchang 27 June 2025: आज 27 जून 2025 की तारीख है, शुक्रवार (Friday) का दिन है। आज यानी शुक्रवार 27 जून के दिन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि है। ऐसे में इस तिथि पर जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) की शुरुआत होने जा रही है।

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इस दौरान भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ गुंडीचा मंदिर अर्थात अपनी मौसी के घर जाते हैं। ऐसे में आईए जानते हैं पंचांग (Aaj ka Panchang 27 June 2025) और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त के बारे में।

 

Aaj ka Panchang – आज का पंचांग

आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि समाप्त – सुबह 11 बजकर 19 मिनट तक

योग – व्याघात रात 9 बजकर 10 मिनट तक

करण – कौलव सुबह 11 बजकर 19 मिनट तक

करण – तैतिल रात 10 बजकर 31 मिनट तक

वार – शुक्रवार

ऋतु – ग्रीष्म

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय – सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर

सूर्यास्त – शाम 7 बजकर 23 मिनट पर

चंद्रोदय – सुबह 7 बजकर 3 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 9 बजकर 25 मिनट पर

शुभ समय

अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 52 मिनट तक

अमृत काल – सुबह 12 बजकर 24 बजकर 28 जून से देर रात 01 बजकर 57 मिनट तक

अशुभ समय

गुलिक काल – सुबह 7 बजकर 10 मिनट से सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक

यमगंडा – दोपहर 3 बजकर 54 मिनट से शाम 5 बजकर 38 मिनट तक

राहु काल: सुबह 10 बजकर 40 मिनट से दोपहर 12 बजकर 24 मिनट तक

आज का नक्षत्र

आज चंद्रदेव पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे

पुनर्वसु नक्षत्र: प्रात: 07:22 बजे तक

सामान्य विशेषताएं: आत्मविश्वासी, धार्मिक रुचि, संवाद कुशलता, सौम्य और सुंदर व्यक्तित्व, दयालु, अत्यधिक कल्पनाशीलता और अत्यधिक भावुकता

नक्षत्र स्वामी: बृहस्पति

राशि स्वामी: बुध और चंद्रमा

देवी-देवता: अदिति

प्रतीक: धनुष और तरकश

Jagannath Rath Yatra
Jagannath Rath Yatra

आज का व्रत और त्योहार

जगन्नाथ रथ यात्रा –

रथ यात्रा हर वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाई जाती है। रथ यात्रा, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन और यात्रा का पावन पर्व है। यह यात्रा हर साल ओडिशा के पुरी में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस दिन भगवान को भव्य रथों में बैठाकर श्रीगुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है, जहां वे कुछ दिन निवास करते हैं।

यह यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि भक्ति, श्रद्धा और एकता का प्रतीक भी है। लाखों श्रद्धालु इस अवसर पर ‘जय जगन्नाथ’ के जयकारों के साथ रथ खींचने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ को एक बार खींचने मात्र से ही जन्मों-जन्मों के पाप मिट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस वर्ष रथ यात्रा 27 जून को मनाई जाएगी।

रथ यात्रा का धार्मिक महत्व:-

  • रथ यात्रा यह संदेश देती है कि जब भक्त मंदिर नहीं आ सकते, तब भगवान स्वयं रथ में बैठकर अपने भक्तों के बीच आते हैं। यह ईश्वर की करुणा और स्नेह का प्रतीक है।
  • भगवान जगन्नाथ का रथ स्वयं खींचना अहंकार को त्यागने और सेवा भाव को अपनाने का प्रतीक माना जाता है। यह यात्रा सिखाती है कि प्रभु की सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं।
  • मान्यता है कि रथ यात्रा के दौरान भगवान के रथ को खींचने से जीवन के पाप नष्ट होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) जाते हैं, जो यह दर्शाता है कि ईश्वर सभी संबंधों को निभाते हैं और हर जीव के जीवन में उतरते है












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