डेली संवाद, नई दिल्ली | Canada News: कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है जिससे विदेशी छात्रों, विशेष रूप से भारतीय छात्रों, को बड़ा झटका लगा है। कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने इस साल की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा पर सीमा लागू की थी, जिससे छात्रों के लिए कनाडा में पढ़ाई और स्थायी निवास प्राप्त करने का सपना और कठिन हो गया है।
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क्या है नया बदलाव?
कनाडा सरकार ने विदेशी छात्रों की संख्या को कम करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है। इमिग्रेशन मिनिस्टर मिलर ने इस बदलाव के बारे में बताते हुए कहा कि अध्ययन वीजा को स्थायी निवास के शॉर्टकट के बजाय एक वास्तविक शैक्षिक अवसर के रूप में ही देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “कनाडा सभी छात्रों को रुकने की इजाजत नहीं दे सकता है। लोगों को खुद को शिक्षित करने के लिए यहां आना चाहिए और शायद घर जाकर उन कौशलों को अपने देश में वापस लाना चाहिए।”
सरकार का उद्देश्य और कारण
कनाडा सरकार ने यह कदम जीवनयापन की बढ़ती लागत, आवास की कमी और बढ़ती बेरोजगारी के चलते उठाया है। कनाडा सरकार विदेशी छात्रों के लिए अपने दीर्घकालिक वीजा कार्यक्रम पर कड़ी नजर रख रही है। सरकार की यह नीति धीमी आप्रवासन और जनसंख्या वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
Canada स्टूडेंट वीजा में कमी
इस साल कनाडा ने अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा पर एक सीमा लागू की है। इससे पिछले साल के 4,37,000 की तुलना में इस साल 300,000 से कम नए परमिट मिलने का अनुमान है। कनाडा पारंपरिक रूप से कुशल अप्रवासियों को आकर्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर निर्भर रहा है, लेकिन अब सरकार इस बात पर फोकस कर रही है कि इनमें से किसे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई पूरी करने के बाद रेजिडेंसी दी जाए।
नौकरियों की योग्यता और श्रम बाजार की मांग
मिलर ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए उपलब्ध नौकरियां उनकी योग्यता के अनुरूप हों। उन्होंने कुछ प्रांतों में श्रम की कमी के मद्देनजर स्नातकोत्तर कार्य परमिट के आवंटन पर सावधानीपूर्वक विचार करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
पोस्ट-ग्रेजुएट वर्क परमिट की स्थिति
हाल के वर्षों में स्नातकोत्तर वर्क परमिट रखने वाले कनाडाई लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2022 में 132,000 नए धारकों तक पहुंच गई है, जो चार साल पहले की तुलना में 78 फीसदी की वृद्धि है। सरकार अस्थायी विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम की भी समीक्षा कर रही है, जिसके दुरुपयोग के लिए आलोचना की गई है। मिलर का लक्ष्य देश में अस्थायी निवासियों के अनुपात को लगभग 7 से घटाकर 5 प्रतिशत करना है।
भारतीय छात्रों पर असर
भारतीय छात्र, जो Canada में पढ़ाई और स्थायी निवास प्राप्त करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं, इस नए बदलाव से सीधे प्रभावित होंगे। Canada में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्थायी निवास प्राप्त करना भारतीय छात्रों के लिए एक प्रमुख आकर्षण रहा है, लेकिन नए नियमों के चलते अब यह रास्ता कठिन हो गया है।