डेली संवाद, नई दिल्ली। Black Money: देश में मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट (Budget) पेश किया गया है। इसी के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कई बड़े एलान किए हैं।
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इसी कड़ी में बजट में भारत से बाहर जाते समय आवश्यक क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (Clearance Certificate) से जुड़े प्रावधानों को कड़ा कर दिया गया है।
नया नियम 1 अक्टूबर से लागू हो रहा है
नए नियमों के मुताबिक, वे भारतीय जो भारत छोड़कर जा रहे हैं, उनके लिए ब्लैक मनी एक्ट के तहत क्लीन चिट देने वाला क्लीयरेंस सर्टिफिकेट जरूरी होगा। हालांकि, यह नया नियम 1 अक्टूबर से लागू हो रहा है।
वर्तमान में क्या है व्यवस्था
वर्तमान में, भारत से बाहर जाने के लिए आयकर (IT) अधिनियम की धारा 230 के तहत कर अधिकारियों से प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाना जरूरी है।
इस प्रमाण पत्र के जरिए साफ होता है कि देश छोड़कर जाने वालों पर कोई बकाया या देनदारी नहीं है और ऐसे लोगों ने बकाए का भुगतान करने के लिए संतोषजनक व्यवस्था की है।
किन लोगों के लिए जरूरी होगा सर्टिफिकेट?
यह आईटी एक्ट के तहत आने वाले टैक्स, उपहार कर अधिनियम और व्यय कर अधिनियम पर लागू होता है। इस तरह का प्रमाणपत्र उन स्थितियों में जरूरी होगा जब आयकर प्राधिकरण की राय में किसी व्यक्ति के लिए इसे प्राप्त करना जरूरी होगा।
कर विशेषज्ञों का मानना है कि अधिसूचना या उसके बाद आने वाले नियम आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझाएंगे।